डॉक्टर के अच्छे व्यवहार से दूर हो जाती है मरीज की आधी बीमारी : मुख्यमंत्री योगी

गोरखपुर, 2 मार्च . यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर में ब्लड बैंक और 10 बेड की डायलिसिस यूनिट का लोकार्पण किया. उन्होंने इन सुविधाओं को जनता के लिए सौगात बताया. साथ ही, डॉक्टरों को मरीज के साथ अच्छ व्यवहार करने, सकारात्मक प्रतिस्पर्धी बनने तथा निरंतर रिसर्च करते रहने को प्रेरित किया.

उन्होंने कहा कि किसी मरीज की आधी बीमारी डॉक्टर के अच्छे व्यवहार से ही दूर हो जाती है. इसलिए ऐसा व्यवहार हो कि मरीज डॉक्टर से प्रभावित होकर जाए. ब्लड बैंक, डायलिसिस यूनिट के उद्घाटन और दोनों का निरीक्षण करने के बाद एम्स के ऑडिटोरियम में आयोजित लोकार्पण समारोह में सीएम योगी ने कहा कि नकारात्मकता किसी को कभी भी आगे नहीं बढ़ाती है. दूसरों का पैर खींचने वाला कभी खुद इसी कृत्य का शिकार हो जाता है, जबकि सकारात्मकता हमेशा आगे बढ़ने की राह दिखाती है. यदि कोई चिकित्सक नकारात्मक सोच का है तो मरीज का बेहतर उपचार नहीं कर सकता. डॉक्टर को सदैव यह ध्यान रखना होगा कि वह मानवता की सेवा से जुड़ा है.

मुख्यमंत्री ने इंसेफेलाइटिस और कोरोना नियंत्रण में अंतर विभागीय समन्वय वाले टीम वर्क मॉडल का अनुभव साझा करते हुए कहा कि एम्स जैसे मेडिकल संस्थान में श्रेष्ठ परिणाम के लिए सकारात्मकता और टीम वर्क जरूरी है. सीएम योगी ने चिकित्सकों से मेडिकल सर्विस क्वालिटी और रिसर्च पर फोकस करने का आह्वान किया. उन्‍होंने कहा कि किताबी ज्ञान परीक्षा पास कराने के काम आता है, जबकि मरीज के इलाज के दौरान मिला अनुभव ही डॉक्टर के लिए वास्तविक ज्ञान होता है. अधिकाधिक व्यावहारिक अनुभव हासिल करने के लिए डॉक्टर को ओपीडी की संख्या सीमित नहीं करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मरीज के इलाज के दौरान उससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को नोट करने की आदत डालनी चाहिए. इसका अध्ययन कर जो निष्कर्ष निकले, उस पर सरकार के साथ मिलकर आगे बीमारियों के इलाज और उन्मूलन की कार्ययोजना को आगे बढ़ाना चाहिए. सीएम योगी ने एम्स और बीआरडी के चिकित्सकों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की जरूरत बताई.

उन्‍होंने कहा, “प्रतिस्पर्धा में जो आगे बढ़ेगा, वह लंबी दूरी तय करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा एम्स एक ब्रांड है. उसके अनुरूप कार्य भी दिखने चाहिए. जन सामान्य की धारणा होती है कि एम्स के नाम से ही बीमारी दूर भागती है. इसे साबित भी करना होगा. पूरे देश में एम्स की बहुत डिमांड है. नई दिल्ली में पहले एम्स की स्थापना के बाद दशकों तक दूसरा एम्स नहीं बना था. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में देश को 6 एम्स दिए. पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में एम्स की संख्या अब 22 हो चुकी है.”

योगी ने कहा कि सरकार जनता के इलाज के लिए चिकित्सा संस्थानों को हर सुविधा देने को तत्पर है. उत्तर प्रदेश में पांच करोड़ परिवारों को दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान योजना का लाभ उपलब्ध कराया गया है. सरकार सभी 75 जिलों में किसी न किसी अस्पताल के जरिये निशुल्क डायलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध करा चुकी है.

विकेटी/एसजीके