नई दिल्ली, 5 सितंबर . पेरिस पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पैरा तीरंदाज हरविंदर सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं. वह किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. जब वह सिर्फ डेढ़ साल के थे, तो उन्हें डेंगू हो गया और इलाज के लिए इंजेक्शन की जरूरत पड़ी. दुर्भाग्य से, उन इंजेक्शन के साइड इफेक्ट के कारण उनके पैरों की कार्यक्षमता खत्म हो गई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस मुकाम तक पहुंचे.
हरविंदर पैरालंपिक के इतिहास में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज हैं. इससे पहले उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया था.
उन्होंने एकतरफा मुकाबले में पोलैंड के तीरंदाज लुकास सिसजेक को 6-0 (28-24, 28-27 और 29-25) से हरा दिया.
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्हें बधाई देते हुए लिखा, “पैरा तीरंदाजी में एक बहुत ही खास स्वर्ण! पैरालंपिक 2024 में पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीतने के लिए हरविंदर सिंह को बधाई!”
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “उनकी सटीकता, फोकस और अटूट भावना बेहतरीन है. भारत उनकी उपलब्धि से बहुत खुश है.”
अब तक भारत ने पेरिस 2024 में पांच स्वर्ण, 9 रजत और 10 कांस्य के साथ 24 पदक जीते हैं, जो पैरालंपिक खेलों में उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ परिणाम है.
इससे पहले, भारत ने टोक्यो 2020 में पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य के साथ 19 पदक जीते थे.
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एएमजे/आरआर