वैश्विक अस्थिरता के बीच गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची

नई दिल्ली, 13 अप्रैल . गोल्ड की कीमतों में बीते हफ्ते 6.5 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़कर 3,237 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई हैं.

कोविड-19 के बाद गोल्ड का यह सबसे अच्छा साप्ताहिक प्रदर्शन था. इसकी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता है, जिससे गोल्ड की कीमतों को सहारा मिल रहा है.

गोल्ड की कीमतों में बढ़त ऐसे समय पर देखी जा रही है, जब अमेरिकी शेयरों के साथ-साथ बॉन्ड में बड़ी बिकवाली हुई है.

वैश्विक अनिश्चितता के साथ-साथ, गोल्ड के दाम में तेजी आने की वजह डॉलर का कमजोर होना है. अमेरिकी मुद्रा यूरो के मुकाबले तीन वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई है, जिससे गोल्ड निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना गया है.

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि मंदी के जोखिम, बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और वित्तीय अस्थिरता की चिंता निवेशकों को गोल्ड की ओर आकर्षित कर रही है.

व्यक्तिगत निवेशकों के अलावा, संस्थानों और केंद्रीय बैंकों की ओर से भी गोल्ड की मांग बढ़ रही है, जिससे कीमतों को सहारा मिला है. इस साल की पहली तिमाही में गोल्ड आधारित एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में 2020 के बाद से सबसे अधिक निवेश हुआ.

केंद्रीय बैंक, खासकर उभरते बाजारों में, डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश में अधिक मात्रा में गोल्ड खरीद रहे हैं.

इसके अलावा, चीन में भी गोल्ड की मांग बढ़ गई है. वहां गोल्ड खरीदने के लिए लोग अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं.

बाजार में गोल्ड के लिए तेजी के सेंटीमेंट को देखते हुए वैश्विक वित्तीय फर्म यूबीएस ने 12 महीने के गोल्ड प्राइस पूर्वानुमान को बढ़ाकर 3,500 डॉलर प्रति औंस कर दिया है.

यह इस साल दूसरी बार है जब बैंक ने अपने पूर्वानुमान को ऊपर की ओर संशोधित किया है, यह दर्शाता है कि निवेश परिदृश्य कितनी तेजी से बदल रहा है.

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि निवेशक आने वाले महीनों में गोल्ड में पैसा लगाना जारी रखेंगे.

एबीएस/