जी7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा सुरक्षा होगा फोकस

कैलगरी, 16 जून . ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन ने अपनी संक्षिप्त की गई रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें ग्लोबल इकोनॉमी और एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चाओं को प्राथमिकता दी गई.

‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ की रिपोर्ट के अनुसार, पहले यह सम्मेलन रविवार से शुरू होने वाला था, लेकिन अब इसे दो दिनों का कर दिया गया है. यह आधिकारिक रूप से सोमवार से शुरू होगा. वर्ल्ड लीडर अल्बर्टा के कनानास्किस पहुंचना शुरू कर चुके हैं.

सोमवार के कार्यक्रम में वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण पर चर्चा करने के लिए जी7 नेताओं के बीच 90 मिनट का सेशन शामिल है.

जी7 एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाएं (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका) शामिल हैं. यह वार्षिक शिखर सम्मेलन मेजर ग्लोबल इकोनॉमी और जियोपॉलिटिकल चुनौतियों को लेकर विचारों के आदान-प्रदान का एक मंच है.

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी इस वर्ष के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं. उन्होंने यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण अफ्रीका सहित कई गैर-जी7 देशों के नेताओं को भी निमंत्रण दिया है.

इससे पहले रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “हम साइप्रस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत कर रहे हैं. साथ मिलकर, हम रणनीतिक साझेदारी के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जो विश्वास और हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है. साइप्रस और भारत मिलकर सहयोग और समृद्धि का एक सशक्त संदेश दे रहे हैं.”

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं. ऐसा छठी बार होगा, जब पीएम मोदी प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. इससे पहले पीएम मोदी जी7 बैठकों में डिजिटल इकोनॉमी, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों पर भारत के नजरिए को प्रस्तुत कर चुके हैं.

आरएसजी/केआर