‘कला कर्म’ में रचनात्मकता की झलक, कैनवास पर दिखी दिल जीतने वाली आकृतियां

नई दिल्ली, 17 सितंबर . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ‘राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय’ में राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय और ललित कला अकादमी की तरफ से विशेष आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया.

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में आयोजित ‘कला कर्म’ आयोजन में विभिन्न शहरों और कॉलेजों के छात्रों ने भाग लिया है. उन्होंने अपने कला कौशल से कई बेहतरीन तस्वीरों को पेपर्स पर उकेरा. किसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो किसी ने भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर बनाई.

संग्रहालय में आयोजित ‘पेंट-ऑफ’ कार्यक्रम में लेने आए हुए प्रतिभागियों ने अपने अलग-अलग थीम और आइडिया पर काम करते हुए दिखे. विश्वकर्मा पूजा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के कारण अधिकतर प्रतिभागियों ने इन्हीं से जुड़ी तस्वीरों को पेंसिल और ब्रश से उकेरने की कोशिश की.

किसी ने बड़े से कैनवास पर प्रधानमंत्री मोदी और विश्वकर्मा भगवान की तस्वीर को एक साथ बनाया. तो किसी ने प्रधानमंत्री मोदी के हिंदू राष्ट्र के साथ जोड़ते हुए दिखाया.

यहां आए कई प्रतिभागियों से की टीम ने खास बातचीत की.

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र चंदन ने को बताया हमारी टीम भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर बना रही है. हमारी पूरी टीम इसमें लगी हुई है. यहां पर कई सारे सामान दिए गए हैं. हम अपनी कलाओं और विचारों को कैनवास में उतार रहे हैं.

इनके अलावा एमआईटी हरियाणा से भी प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.

अलीगढ़ की उपासना शर्मा ने खास तस्वीर बनाई. उन्होंने कला और कलाकार के महत्व को दर्शाते हुए दिल में पेंसिल, ब्रश और कलर को दिखाने की कोशिश की.

एक अन्य अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र ने बताया कि वह पीएम मोदी और भगवान विश्वकर्मा को मिलाकर तस्वीर बना रहे हैं. शुरुआत में वह भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर और अंत में पीएम मोदी की तस्वीर बनाएंगे. बीच की जगहों पर अन्य चीजों का उपयोग किया जाएगा.

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक की छात्रा ने बताया कि हम सिर्फ संग्रहालय को घूमने आए थे, लेकिन जब मौका मिला तो कला प्रतियोगिता में हमने भाग लिया. हम अपनी तस्वीर में यहां पर आए प्रतिभागियों को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. बच्चे रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं, कैनवास पर तस्वीरें उकेर रहे हैं, हम उन्हीं को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

एससीएच/जीकेटी