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अमृतसर, 25 नवंबर . गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत स्मृति दिवस के अवसर पर अमृतसर के हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर पूर्व जत्थेदार अकाल तख्त और स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी रघुबीर सिंह ने समाज की सुख-शांति के लिए अरदास की.
पूरे परिसर में श्रद्धा, भक्ति और शौर्य का अद्भुत संगम दिखाई दिया, जहां देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब के बलिदान को नमन किया.
गुरु तेग बहादुर की शहादत सिख इतिहास में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के सर्वोच्च प्रतीक के रूप में दर्ज है. उन्होंने अपने प्राण हिंदू धर्म और मानवता की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिए थे. हर वर्ष यह दिवस पूरे सिख समुदाय और मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर आता है.
कार्यक्रम के दौरान ज्ञानी रघुबीर सिंह ने पंजाब Government द्वारा लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि पंजाब Government ने आनंदपुर साहिब, अमृतसर साहिब और तलवंडी साबो को ‘पवित्र शहर’ का दर्जा दिया है. यह सिख पंथ की बहुत पुरानी मांग थी. यह निर्णय स्वागत योग्य है.”
उन्होंने बताया कि ये तीनों पवित्र स्थल सीमा क्षेत्रों के निकट स्थित हैं और आसपास ऐसी दुकानें और गतिविधियां मौजूद हैं जहां तंबाकू, शराब, मांस और अन्य अनुचित वस्तुओं की बिक्री होती है, जिससे धार्मिक वातावरण प्रभावित होता है. इसलिए Government द्वारा इन शहरों को पवित्र घोषित करना बहुत बड़ा कदम है और इससे धार्मिक मर्यादा और सांस्कृतिक सम्मान की रक्षा होगी.
ज्ञानी रघुबीर सिंह ने आगे कहा, “हम Government के इस फैसले की सराहना करते हैं और आशा करते हैं कि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा.”
श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की सीख आज भी सभी को सत्य, त्याग और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है.
अमृतसर, आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो में आने वाले दिनों में भी शहादत सप्ताह के तहत कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
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वीकेयू/डीएससी