गाजियाबाद, 29 मार्च . उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की संजय नगर निवासी सबा हैदर ने अमेरिका के ड्यूपेज काउंटी में कमिश्नर का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है. इस जीत के बाद पहली बार अपने गृहनगर लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया.
सबा हैदर ने पिछले साल नवंबर में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ड्यूपेज काउंटी बोर्ड का चुनाव जीता था. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता की कहानी साझा की और अमेरिका तथा भारत की राजनीति के अंतर पर भी खुलकर बात की.
सबा ने अपनी स्कूली शिक्षा गाजियाबाद के होली चाइल्ड स्कूल से पूरी की और फिर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से स्नातक की डिग्री हासिल की. वर्ष 2006 में वह अपने पति के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गईं. हालांकि, वहां शुरुआत आसान नहीं थी. एक नई संस्कृति, नए माहौल और अलग प्रशासनिक प्रणाली के बीच खुद को स्थापित करना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहा.
उन्होंने बताया कि अमेरिका में खुद को स्थापित करने के लिए उन्होंने योगा क्लासेज शुरू कीं, जिससे वहां के लोगों से उनका जुड़ाव बढ़ा. उन्होंने एक मजबूत नेटवर्क बनाया. इसी नेटवर्क ने उन्हें राजनीति में कदम रखने का साहस दिया और आज वह ड्यूपेज काउंटी की कमिश्नर के रूप में भारतीय मूल के लोगों की आवाज बनकर उभरी हैं.
सबा हैदर ने अमेरिका और भारत की राजनीति के बड़े अंतर को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका में चुनाव प्रचार का तरीका भारत से बिल्कुल अलग है. चुनाव प्रचार के दौरान लाउडस्पीकर और काले धन का कोई स्थान नहीं है. वहां उम्मीदवारों को खुद लोगों के दरवाजे तक जाकर अपने विचार रखने होते हैं और उन्हें मतदान के लिए राजी करना पड़ता है. यह एक मेहनत भरा काम होता है, लेकिन इससे जनता और नेता के बीच सीधा संवाद होता है.
सबा हैदर का कहना है कि भारतीय प्रवासियों को अमेरिका में सबसे बड़ी परेशानी इमिग्रेशन कानूनों और सरकारी प्रक्रियाओं को समझने में होती है. उन्होंने वादा किया कि अब वह भारतीय मूल के लोगों की मदद करने के लिए काम करेंगी.
उन्होंने कहा कि अमेरिका में जनता विकास और कानून-व्यवस्था को लेकर वोट करती है, लेकिन वहां की सरकारें व्यापारिक हितों द्वारा संचालित होती हैं. जनता में नाराजगी होती है, लेकिन लोकतंत्र में विरोध करने के सही तरीके अपनाने चाहिए.
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पीकेटी/एकेजे