जर्मनी के विदेश मंत्री ने यूक्रेन शांति पहल पर पीएम मोदी की सराहना की

New Delhi, 3 सितंबर . जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वेडफुल ने Wednesday को Prime Minister Narendra Modi द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चीन के तियानजिन में हुई बैठक के दौरान यूक्रेन में शीघ्र शांति समझौते की अपील का स्वागत किया. उन्होंने इसे यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया.

वेडफुल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हुई वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, “हमारे लिए जर्मनी और यूरोप में, रूस का आक्रमणकारी युद्ध अभी सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है. इस संदर्भ में Prime Minister मोदी द्वारा राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात में यूक्रेन में शीघ्र शांति समझौते की आवश्यकता पर जोर देना हमारे लिए अहम है. हम यूरोपीय देश, अमेरिका और यूक्रेन के साथ मिलकर इस युद्ध को जल्द समाप्त करने और यूक्रेन को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में शांति दिलाने के लिए प्रयासरत हैं.”

वेडफुल ने कहा कि उन्होंने भारत से आग्रह किया है कि वह रूस के साथ अपने संबंधों का उपयोग कर शांति बहाली की दिशा में संदेश दें. उन्होंने कहा, “मैं इस खुले संवाद के लिए आभारी हूं. शांति ही सुरक्षा, स्वतंत्रता और समृद्धि की आधारशिला है. सुरक्षा भविष्य में भी चुनौती बनी रहेगी, लेकिन हमें खुशी है कि भारत के पड़ोस में भी युद्धविराम लागू हुआ है.”

वेडफुल ने यह भी आश्वासन दिया कि जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी का साझा उद्देश्य नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को संरक्षित करना है, जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री व्यापार मार्गों की स्वतंत्रता भी शामिल है. उन्होंने कहा, “चीन का आक्रामक व्यवहार हमारे लिए चिंता का विषय है. हमने रक्षा, सुरक्षा और आयुध क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. इसमें हमारी सेनाओं के संयुक्त अभ्यास और इंडो-पैसिफिक में जुड़ाव के लिए निर्यात लाइसेंस प्रक्रिया को तेज करना शामिल है. पिछले वर्ष जर्मन युद्धपोत भारत आया था और हम इस सहयोग को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं.”

वेडफुल ने उम्मीद जताई कि जर्मनी के चांसलर जल्द ही भारत का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि साझा चुनौतियों से निपटने और द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता है.

उन्होंने भारत को उभरती हुई आर्थिक शक्ति, विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हुए कहा कि वैश्विक व्यवस्था में भारत की रणनीतिक भूमिका बेहद अहम है.

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