जीनोम इंडिया डेटा का विमोचन, पीएम मोदी बोले- भारत बनेगा बायोटेक्नोलॉजी और फार्मा हब

नई दिल्ली, 9 जनवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘जीनोमिक्स डेटा कॉन्क्लेव’ में ‘जीनोम इंडिया डेटा’ के विमोचन के दौरान भारतीय शोध क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाने की बात की. इस अवसर पर उन्होंने वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विभिन्न अनुसंधान संस्थानों के योगदान की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह परियोजना भारत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और इसके परिणाम देश में बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च को नई दिशा देंगे.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत ने रिसर्च की दुनिया में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. 5 साल पहले जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट को स्वीकृत किया गया था. कोरोना महामारी की चुनौतियों के बावजूद हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है. मुझे खुशी है कि देश के 20 से ज्यादा रिसर्च संस्थानों ने इस रिसर्च में अहम भूमिका निभाई है. इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 10 हजार भारतीयों का जीनोम सीक्वेंसिंग किया गया है और अब यह डेटा भारतीय बायोलॉजिकल डेटा सेंटर (आईबीडीसी) में उपलब्ध है. पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि इस डेटा से बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध और विकास होगा.

उन्होंने कहा कि जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट भारत की बायोटेक्नोलॉजी क्रांति का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. इस प्रोजेक्ट की मदद से हम देश में एक विविध जैविक संसाधन बनाने में सफल हुए हैं. यह भारत को एक वैश्विक फार्मा हब के रूप में और भी मजबूत करेगा. भारत के पिछले दशक में स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने पब्लिक हेल्थकेयर के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. इनमें करोड़ों देशवासियों को मुफ्त इलाज की सुविधा, जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 80 फीसद डिस्काउंट पर दवाएं उपलब्ध कराना और आधुनिक चिकित्सा ढांचे का निर्माण प्रमुख हैं.

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में बायोटेक्नोलॉजी और बायोमास का संयोजन बायो-इकोनॉमी के रूप में विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण हिस्सा है. बायो-इकोनॉमी का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करना, बायो-आधारित उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में नई संभावनाएं उत्पन्न करना है. भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी फार्मास्युटिकल क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया था, और अब ‘जीनोम इंडिया’ जैसे प्रोजेक्ट के जरिए भारत और भी आगे बढ़ेगा. इस प्रोजेक्ट की मदद से भारतीय वैज्ञानिकों को भारत के जीनोम लैंडस्केप को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी, जो भविष्य में चिकित्सा और स्वास्थ्य अनुसंधान में अहम भूमिका निभाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने कठिनाइयों के बावजूद यह प्रोजेक्ट पूरा किया है और यह भारत के जैविक डेटा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रहा है. यह प्रोजेक्ट केवल बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा में भी भारत को एक नई दिशा प्रदान करेगा. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इस डेटा का इस्तेमाल भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी प्रभावी और प्रासंगिक बनाने के लिए किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट से न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में बायोटेक्नोलॉजी और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे. भारत का ‘जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट’ न केवल भारतीय जनसंख्या की जैविक विविधता का अध्ययन करने में मदद करेगा, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी अन्य देशों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा.

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