न्यूक्लियर और स्पेस के क्षेत्र में उपलब्‍ध‍ि के बाद अब वर्ल्ड पावर बन रहा भारत : जीडी बख्शी

नई दिल्ली, 14 जनवरी . सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने रक्षा क्षेत्र में भारत की मजबूती को भी सराहा.

रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा, “पिछले 10 सालों में भारत का रक्षा क्षेत्र मजबूत हुआ और टेक्नोलॉजी के आने से सेना भी मजबूत हुई. सीडीएस ने अपने संबोधन में भी बताया था कि भारत की सेना ने ड्रोन, काउंटर ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक और साइबर के क्षेत्र में महारत हासिल की है. भारत की सेना के पास अब आधुनिक हथियार हैं, जिन्हें देश में ही बनाया गया है. इससे साफ है कि भारत ने टेक्नोलॉजी के मामले में कितनी महारत हासिल की है.”

उन्होंने आगे कहा, “भारतीय सेना के पास अब जोरावर टैंक हैं. इसके अलावा कई ऐसे हथियार है, जो भारत की सशस्त्र सेना के पास हैं. पहले भारत 70 प्रतिशत हथियारों को बाहर से मंगाता था, लेकिन अब भारत अपने यहां से हथियारों को दूसरे देशों में भेजता है. ब्रह्मोस मिसाइल को भी बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट किया जा रहा है, इसमें अजरबैजान, फिलीपींस और आर्मेनिया जैसे देश शामिल हैं. इसके अलावा त्रिशूल और आकाश मिसाइल को भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है.”

जीडी बख्शी ने भारत की सीमाओं की बात करते हुए कहा, “भारत अब वर्ल्ड पावर के रूप में उभर रहा है. हम दुनिया के पांचवीं बड़ी जीडीपी वाला देश बन गए हैं. भारत अब न्यूक्लियर और स्पेस पावर बन गया है. हमारे पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी और चौथी सबसे बड़ी नेवी है. इसके अलावा एयरफोर्स के मामले में हमारा देश पांचवें नंबर पर है.”

उन्होंने अग्नीवीर योजना के बारे में कहा, “इस योजना से भारत की आर्मी तो युवा बनेगी, लेकिन मेरा मानना है कि अग्नीवीर योजना को बहुत ही जल्दबाजी में लागू किया गया. अगर इसमें कुछ बदलाव किए जाएंं, तो यह काफी लाभकारी स्कीम बन सकती है. इस योजना की चार साल की सीमा को बढ़ाकर सात साल कर देना चाहिए, इससे सेना को काफी लाभ मिलेगा.”

जीडी बख्शी ने कहा, “पहले भारत के लिए तीन तरफ से खतरा था, लेकिन अब हमारे लिए यह दायरा बढ़कर चौतरफा हो गया है. चीन, पाकिस्तान और आतंकवाद के अलावा अब बांग्लादेश भी भारत के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है.”

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