इजराइली हमलों से तबाह गाजा रोटी-रोटी को मोहताज, यूएन ने की निंदा

जिनेवा, 8 मार्च . गाजा पर इजराइल द्वारा किया जा रहा हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में इजराइल ने गाजा में खाद्य प्रणाली को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है, जिसकी वजह से अब वहां लोग भूखे मरने की कगार पर आ चुके हैं. इजराइल के इस कदम की संयुक्त राष्ट्र संघ ने आलोचना की है. यूएन ने गाजा में जारी भूखमरी को रोकने का आग्रह किया है.

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में विशेष दूत माइकल फाखरी ने कहा कि इजराइली बमबारी में गाजा के 15 फीसद अधिक मत्स्य पालन क्षेत्र तबाह हो चुके हैं.

वहीं, एक विशेषज्ञ ने कहा कि इजराइल ने गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनियों के खिलाफ ‘भूखमरी अभियान’ चलाया है. इस अभियान के अंतर्गत इजराइल लगातार गाजा के मत्स्य पालन क्षेत्र को निशाना बना रहा है.

उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 से इजराइल ने सभी समुद्री मार्गों को बंद कर दिया है.

उन्होंने कहा, “इजराइली सैनिकों ने गाजा के सभी बंदरगाहों और मत्स्य पालन के सभी ठिकानों को भी नेस्तनाबूत कर दिया. रफा में 40 में से अब दो नाव ही सुरक्षित बचे हैं. खान यूनिस में इजराइल 75 फीसद से भी अधिक मत्स्य पालन के क्षेत्रों को तबाह कर चुका है.”

फाखरी ने कहा कि एन्क्लेव में मछली पकड़ने की आजीविका के विनाश ने गाजा में लोगों के लिए भोजन के अधिकार को कमजोर कर दिया है और उन्हें भूख और भुखमरी में धकेल दिया है.

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को इजराइली सैनिकों के हमले की निंदा की थी. दरअसल, सैनिकों ने बीते 29 फरवरी को गाजा के दक्षिण-पश्चिमी में आटा लेने के लिए एकत्रित हुए फिलिस्तीनियों पर हमला कर दिया था. इस हमले की जद में आकर 112 लोग मारे गए थे. वहीं, 760 बुरी तरह जख्मी हो गए थे.

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