बरेली, 31 मार्च . उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को बरेली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून को लेकर कहा कि आजादी के बाद से देश को प्रतीक्षा थी कि यह कानून लागू हो. पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देवभूमि से इसकी शुरुआत हो गई है.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देवभूमि से मां गंगा निकलकर पूरे देश को जल और जीवन दे रही हैं. उसी प्रकार समान नागरिक संहिता की गंगोत्री भी सभी को किसी न किसी रूप में लाभ देगी. यह समरसता और समानता स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. इसकी शुरुआत देवभूमि से हो चुकी है. 27 जनवरी 2025 से इसे देवभूमि में लागू कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि देवभूमि से यह गंगोत्री निकली है. आने वाले समय ने इसका लाभ सभी राज्यों को होगा. जिन लोगों ने तुष्टिकरण की राजनीति की, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जब संविधान बना रहे थे, तब इसका प्रावधान वहां भी किया गया था. अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया था. मैं एक-दो केस का जिक्र कर रहा हूं. राज्य को विभिन्न निर्णयों में इस प्रकार निर्देश दिए गए हैं कि समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता नए-नए कानूनों और नवाचार को चाहती है. लंबे समय से रुकी हुई प्रक्रिया को बदलना चाहती है. उस दिशा में ठोस कार्य हो रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव के पूज्य पिताजी के समय में भगवान राम का मंदिर नहीं बन पाया. कारसेवकों पर लाठियां चली. कश्मीर में धारा-370 नहीं हटी. आज पीएम मोदी के समय तीन तलाक का कानून हट गया. नागरिक संशोधन का कानून आ गया. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो गई. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम एक सशक्त भारत की ओर आगे बढ़ रहे हैं. उनके नेतृत्व में अनेक निर्णय लिए गए हैं. उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर हमने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया.
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विकेटी/एबीएम