गाजियाबाद-नोएडा में 20 अक्टूबर तक गंगाजल सप्लाई बंद, पेयजल संकट की आशंका

गाजियाबाद/नोएडा, 1 अक्टूबर . गाजियाबाद और नोएडा में रहने वाले लाखों लोगों को अगले 20 दिनों तक पानी संकट का सामना करना पड़ सकता है. हरिद्वार से आने वाली गंगनहर की वार्षिक सफाई के कारण Wednesday रात 12 बजे से 20 अक्टूबर तक गंगाजल सप्लाई बंद कर दी जाएगी.

इस दौरान लोकल अथॉरिटीज ट्यूबवेल और टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई बनाए रखने का दावा कर रही हैं, लेकिन हाईराइज और पुराने इलाकों में दिक्कत बढ़ना तय माना जा रहा है.

प्रत्येक वर्ष दशहरा से दीपावली के बीच गंगनहर की सफाई के लिए पानी की आपूर्ति रोकी जाती है. इस साल भी 2 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक सफाई अभियान चलाया जाएगा.

गंगनहर के एक्सईएन विकास त्यागी के अनुसार, हरिद्वार से आने वाले रास्ते में मशीनों और रेगुलेटरों की पूरी तरह सफाई की जाएगी ताकि भविष्य में पानी का प्रवाह सुचारु रहे.

गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित गंगाजल प्लांट से 50 क्यूसेक पानी शहर के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई होता है. इसमें से 15 क्यूसेक इंदिरापुरम, 5 क्यूसेक सिद्धार्थ विहार, 23 क्यूसेक वसुंधरा और 7 क्यूसेक अन्य इलाकों में भेजा जाता है. नहर बंद रहने के दौरान यह सप्लाई पूरी तरह रुकी रहेगी.

नगर निगम के 125 और जीडीए के 26 नलकूपों को पूरी क्षमता पर चलाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही टैंकरों को भी पानी सप्लाई में लगाया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि पानी दिन में एक बार उपलब्ध कराया जाएगा. नोएडा की कुल 400 एमएलडी पानी की जरूरत में से 240 एमएलडी गंगाजल से पूरी होती है. सामान्य दिनों में 200 एमएलडी तक गंगाजल मिलता है और बाकी 200 एमएलडी भूजल से पूरा किया जाता है. अब गंगाजल की सप्लाई रुकने पर लगभग 60 एमएलडी पानी की कमी आ सकती है.

नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक आरपी सिंह ने बताया कि 10 रैनीवेल और 300 से अधिक ट्यूबवेल फुल क्षमता से चलाए जाएंगे. जरूरत पड़ने पर सेक्टर-12, 20 और हाईराइज सोसायटियों में टैंकर भेजे जाएंगे. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जिन पर कॉल कर लोग टैंकर मंगवा सकते हैं.

हर साल की तरह इस बार भी ऊंची इमारतों (हाईराइज) में प्रेशर की कमी सबसे बड़ी चुनौती रहेगी. इसके अलावा पुराने सेक्टरों में भी सप्लाई कमजोर रहने की आशंका जताई जा रही है. पानी सप्लाई को लेकर लोगों के लिए जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि पानी का स्टॉक पहले से भरकर रखें. गैर-जरूरी जगह पानी की बर्बादी रोकें.

प्राधिकरण द्वारा जारी हेल्पलाइन को सेव कर रखें. जरूरत पड़ने पर तुरंत टैंकर की मांग करें.

पीकेटी/एबीएम