गाजियाबाद, 22 दिसंबर . उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच पुलिस ने मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से चोरी किए गए सात करोड़ रुपये के उपकरण और चारी की वारदात में इस्तेमाल किए जाने वाले तीन वाहन भी जब्त किए गए हैं.
पुलिस ने बताया कि यह लोग पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर मोबाइल टावरों से रेडियो रिसीवर यूनिट बैटरी अन्य कीमती उपकरण चोरी करते थे. गिरफ्तार किए गए शाहरुख मलिक ने पूछताछ में बताया कि वह बीए द्वितीय वर्ष में अपनी पढ़ाई छोड़कर बिरयानी की दुकान चलने लगा था.
पैसों के लालच में आकर तीन साल पहले वह अपने पिता और भाई नईम के साथ कबाड़ का काम करने लगा. उसके बाद नईम, जावेद मीरापुरिया के संपर्क में आया, जो मोबाइल टावर से चोरी किए गए उपकरण खरीदने और बेचने का काम करता था. नईम के साथ ही शाहरुख भी इस काम को करने लगा. करीब 8 महीने पहले नईम को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तारी करके जेल भेज दिया था. पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. नईम के जेल जाने के बाद शाहरुख ने काम संभाल लिया. वह अपने चचेरे भाई फहीम के साथ मिलकर काम करने लगा. पुलिस का कहना है कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी से दिल्ली-एनसीआर में मोबाइल टावर में लगे उपकरणों की चोरी पर अंकुश लगेगा.
एडीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट (गाजियाबाद) ने मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को वेब सिटी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. इनके कब्जे से लगभग सात करोड़ का माल बरामद हुआ है और घटना में शामिल तीन वाहन वाहन बरामद हुए हैं. आरोपी मोबाइल टावरों से इलेक्ट्रॉनिक और अन्य उपकरण चोरी करते थे. इस गिरोह में कबाड़ी और चोर शामिल हैं. पता चला है कि इस गिरोह में कुल 17 सदस्य हैं. जिसमें से टीम ने पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शाहरुख, अनस, वसीम, साहिल और कय्यूम के रूप में हुए है. शाहरुख, अनस, वसीम कबाड़ी हैं और साहिल तथा कय्यूम चोर हैं. शाहरुख मुख्य व्यक्ति है. इन सभी के खिलाफ असम, गाजियाबाद और बागपत में चार-चार, पांच-पांच मुकदमे दर्ज हैं. मामले में आगे की जांच की जा रही है.
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