सांस्कृतिक क्षेत्र में एआई का दखल, जी7 मंत्रियों ने जताई चिंता

रोम, 22 सितंबर . ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) मंत्रियों की बैठक में सांस्कृतिक क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की वजह से पैदा हुए जोखिमों पर चर्चा की गई. जी7 मंत्रियों की सांस्कृतिक बैठक इटली के नेपल्स में संपन्न हुई.

शनिवार को जारी घोषणापत्र में कहा गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ‘सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्रों और उद्योगों में तेजी से प्रवेश कर रही है, जिसका असर कल्चरल प्रोफेशनल के काम के तरीकों और आजीविका पर पड़ रहा है. साथ ही यह कल्चरल इकोसिस्टम की स्थिरता को भी प्रभावित कर रही है.”

यह घोषणापत्र तीन दिवसीय वार्ता के दौरान जी-7 देशों के संस्कृति मंत्रियों की तरफ से जारी किया गया.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने राय न्यूज के हवाले से बताया कि नेताओं ने सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों के लिए जेनरेटिव एआई और एआई-संचालित डिवाइस के नैतिक, कानूनी, आर्थिक और सामाजिक पहलूओं को संबोधित करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की.

बता दें इटली की G7 की 2024 प्रेसिडेंसी के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना मुख्य मुद्दों में से एक रहा है.

इस बीच मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शनिवार की सुबह सेंट्रल नेपल्स में G7 सांस्कृतिक बैठक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ. लगभग पचास प्रदर्शनकारियों ने मार्च किया. प्रदर्शनकारियों ने ‘राजनीतिक प्रदर्शन’ की प्रतीकात्मक आलोचना के रूप में लाल कालीन बिछाया.

ग्रुप ऑफ सेवन (G7) एक अंतर-सरकारी राजनीतिक और आर्थिक मंच है. कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके सदस्य हैं. यूरोपीय संघ (EU) इसका एक ‘गैर-गणना सदस्य’ है.

ग्रुप के प्रत्येक सदस्य के सरकार या राज्य प्रमुख, यूरोपीय संघ के आयोग के अध्यक्ष और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष सालाना जी 7 शिखर सम्मेलन में मुलाकात करते हैं.

जी 7 और यूरोपीय संघ के अन्य उच्च-रैंकिंग अधिकारियों की मुलाकात का सिलसिला सालभर चलता रहता है.

एमके/केआर