जी-7 देशों ने भारत, पाकिस्तान से सीधी बातचीत की अपील की

नई दिल्ली, 10 मई . जी-7 देशों ने शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह किया है और दोनों परमाणु संपन्न एशियाई पड़ोसियों से सीधे वार्ता करने का आह्वान किया.

एक बयान में, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए परमाणु संपन्न दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की.

जी-7 के बयान में कहा गया है, “हम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के जी-7 विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और भारत और पाकिस्तान दोनों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं.”

सैन्य कार्रवाई को नुकसानदेह बताते हुए आगे लिखा है- सैन्य कार्रवाई में वृद्धि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है. हम दोनों पक्षों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बहुत चिंतित हैं. हम तत्काल तनाव कम करने का आह्वान करते हैं और दोनों देशों को शांतिपूर्ण परिणाम के लिए सीधी बातचीत में शामिल होने की अपील करते हैं. हम घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और एक त्वरित और स्थायी राजनयिक समाधान के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हैं.

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया. भारत ने इसे संयमित और गैर उकसाए वाली एयर स्ट्राइक बताया था. इसके बाद से ही पाकिस्तान ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए बॉर्डर से जुड़े स्थलों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले की कोशिश जारी रखी है, जिसे भारत नाकाम कर रहा है.

इस बीच रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एक प्रेस बयान में कहा कि पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 26 स्थानों पर ड्रोन देखे गए हैं, जिनमें संदिग्ध सशस्त्र ड्रोन भी शामिल हैं.

प्रेस बयान में कहा गया कि इन स्थानों में बारामुल्ला, श्रीनगर, अवंतीपोरा, नगरोटा, जम्मू, फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, लालगढ़ जट्टा, जैसलमेर, बाड़मेर, भुज, कुआरबेट और लाखी नाला शामिल हैं.

मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा: “दुर्भाग्य से, एक सशस्त्र ड्रोन ने फिरोजपुर में एक नागरिक क्षेत्र को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप एक परिवार के सदस्य झुलस गए. पीड़ित को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है और सुरक्षा बलों द्वारा क्षेत्र की तलाशी ली गई है.”

रक्षा मंत्रालय ने नागरिकों से, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में, घर के अंदर रहने, अनावश्यक आवाजाही को सीमित करने और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया, साथ ही कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और एहतियात बरतना ज़रूरी है.

बयान में कहा गया है “भारतीय सशस्त्र बल उच्च स्तर की सतर्कता बनाए हुए हैं, तथा ऐसे सभी हवाई खतरों पर नजर रखी जा रही है और काउंटर-ड्रोन सिस्टम का उपयोग करके उनसे निपटा जा रहा है. स्थिति पर कड़ी और निरंतर नज़र रखी जा रही है और जहाँ भी आवश्यक हो, त्वरित कार्रवाई की जा रही है.”

केआर/