ताइवान के नाम पर परेशानी भड़काना जापान के लिए मुश्किलों की वजह बन सकता है : चीन

बीजिंग, 7 मार्च, . चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, “ताइवान के नाम पर परेशानी भड़काना जापान के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.” उन्होंने जापान में उन ‘कुछ लोगों’ को चेतावनी दी जो इतिहास पर विचार करने से इनकार करते हैं और गुप्त रूप से ताइवान के अलगाववादियों के साथ मिलीभगत करते हैं.

ग्लोबल टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक वांग ने यह टिप्पणी 14वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के तीसरे सत्र के अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में चीन-जापान संबंधों पर क्योडो न्यूज के एक प्रश्न के उत्तर में की.

वांग ने कहा कि ‘एक-चीन सिद्धांत’ चीन-जापान संबंधों की राजनीतिक नींव है. हालांकि, जापान में कुछ लोग इस इतिहास पर विचार करने से इनकार करते हैं और ताइवान अलगाववादियों के साथ गुप्त रूप से सांठगांठ करते हैं.

चीनी विदेश मंत्री ने कहा उन्हें याद रखना चाहिए कि ताइवान के नाम पर परेशानी भड़काना जापान के लिए परेशानी को आमंत्रित करना है.

चीनी शीर्ष राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि 2025, जापानी आक्रमण के खिलाफ चीनी जन प्रतिरोध की जीत की 80वीं वर्षगांठ का वर्ष है. उन्होंने कहा, “इतिहास को याद रखने से भविष्य को बेहतर ढंग से आकार दिया जा सकता है. इतिहास को भूलने से व्यक्ति आगे बढ़ने की दिशा खो सकता है.” उन्होंने कहा, “सैन्यवाद के पुनरुत्थान से बचना जापान का कर्तव्य है जिसे बिना किसी झिझक के पूरा करना चाहिए. यह चीनी और एशियाई लोगों का दृढ़ संकल्प भी है जिसे चुनौती नहीं दी जाएगी,”

वांग ने कहा, जब विवेक और ईमानदारी की परीक्षा का सामना करना पड़ता है, तो जापान को अपने शांतिवादी संविधान की भावना को बनाए रखना चाहिए और शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर दृढ़ता से चलना चाहिए.

बता दें चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा मानता है और एक अलग प्रांत के रूप में देखता है जिसे अंतत: देश का हिस्सा बनना है. इस मकसद को पाने के लिए बीजिंग शक्ति के इस्तेमाल की संभावना से इनकार नहीं करता है.

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