झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि

जमशेदपुर, 16 अगस्त . झारखंड के दिवंगत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता और निबंधन विभाग के मंत्री रामदास सोरेन की अंत्येष्टि जमशेदपुर के घोड़ाबांधा में Saturday शाम राजकीय सम्मान के साथ कर दी गई. उनके ज्येष्ठ पुत्र ने मुखाग्नि दी.

इसके पहले उन्हें सशस्त्र सलामी दी गई. इस दौरान हजारों समर्थकों और स्थानीय लोगों ने “रामदास सोरेन अमर रहें” के नारे लगाए. रामदास सोरेन का निधन Friday की देर रात दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में हो गया था. उनका पार्थिव शरीर Saturday को दिल्ली से रांची लाया गया. यहां विधानसभा में उन्हें राजकीय विदाई दी गई.

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, State government के मंत्रियों, विधायकों और कई राजनेताओं ने पुष्प चक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उनका शव उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला ले जाया गया, जहां एचसीएल ग्राउंड में हजारों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए. रांची से घाटशिला और जमशेदपुर के रास्ते में उनके पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए जगह-जगह लोग इकट्ठा थे.

उनके निधन के शोक में Saturday को जमशेदपुर के घोड़ाबांधा में सभी दुकानें बंद रहीं. सोरेन अपने परिवार के साथ यहीं रहते थे. उनकी अंतिम यात्रा में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मंत्री चंपई सोरेन, पूर्व मंत्री दिनेश षाड़ंगी, मंत्री दीपक बिरुआ, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप कुमार बलमुचू, विधायक समीर मोहंती, संजीव सरदार और अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान सहित कई लोग शामिल थे.

दो अगस्त को अपने आवास पर गिरने से गंभीर रूप से घायल हुए सोरेन को रांची में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया था. कई दिन लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद Friday को उन्होंने अंतिम सांस ली. झामुमो के वरिष्ठ नेता और घाटशिला के विधायक रहे रामदास सोरेन ने शिक्षा मंत्री के रूप में राज्य के शैक्षणिक विकास में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.

झारखंड आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही. जनता उन्हें सुलभ और संघर्षशील नेता के रूप में याद करती है.

एसएनसी/एबीएम