नई दिल्ली, 5 दिसंबर . म्यूचुअल फंड्स का नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) को कर्ज, जिसमें कमर्शियल पेपर और कॉरपोरेट डेट शामिल है, अक्टूबर में बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह आंकड़ा करीब 6 महीने से 2 लाख करोड़ रुपये के ऊपर बना हुआ है.
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें सालाना आधार पर 47.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, कमर्शियल पेपर जारी कर लिए गए डेट का आंकड़ा बीते एक साल से अधिक समय से एक लाख करोड़ रुपये के ऊपर बना हुआ है. मौजूदा समय में यह 1.22 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
अक्टूबर 2024 में बैंकों का एनबीएफसी को दिया गया कर्ज 15.4 लाख करोड़ रुपये था. इसमें पर 6.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मासिक आधार पर इसमें 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
दूसरी ओर बैंकों की एनबीएफसी को दिए गए कुल अग्रिम में हिस्सेदारी फरवरी 2018 के आंकड़े लगभग 4.5 प्रतिशत से लगभग दोगुनी होकर अक्टूबर 2024 में 8.9 प्रतिशत हो गई है, जो सितंबर 2024 में देखे गए स्तर के समान है.
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सपोजर अक्टूबर 2023 के 9.4 प्रतिशत के स्तर से कम हो गया है.
आरबीआई द्वारा नवंबर 2023 में एनबीएफसी को दिए बैंक लोन पर जोखिम भार में इजाफा किया गया है. अक्टूबर तक एनबीएफसी के लिए बैंकों द्वारा जोखिम का हिस्सा क्रमिक रूप से समान रहा है, जबकि एनबीएफसी डेट के लिए एमएफ जोखिम अक्टूबर 2024 में 2 लाख करोड़ रुपये से ऊपर 2.33 लाख करोड़ रुपये पर बना हुआ है.
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि एनबीएफसी ने अपनी लायबिलिटी प्रोफाइल में विविधता लाना शुरू कर दिया है.
हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, कमर्शियल पेपर की वेटेड एवरेज डिस्काउंट रेट (डब्ल्यूएडीआर) नवंबर 2024 (12 नवंबर तक) में 7.44 प्रतिशत रही है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 7.70 प्रतिशत से कम है क्योंकि एनबीएफसी ने अपने लोन पोर्टफोलियो में उच्च वृद्धि की स्थिरता पर चिंताओं के कारण जारी करना कम कर दिया है.
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