फंडिंग बूस्टर: भारतीय स्टार्टअप को इस साल 12 बिलियन डॉलर से अधिक मिली फंडिंग

नई दिल्ली, 28 दिसंबर . भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को इस साल 12 बिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग मिली, जो पिछले साल के 10 बिलियन डॉलर से 20 प्रतिशत अधिक है.

स्टार्टअप कवरेज पोर्टल आईएनसी42 की ‘वार्षिक फंडिंग रिपोर्ट 2024’ के अनुसार, जहां लेट-स्टेज फंडिंग 25 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 7 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई, वहीं ग्रोथ-स्टेज स्टार्टअप ने 282 सौदों में 3.5 बिलियन डॉलर हासिल किए.

रिपोर्ट के अनुसार, इस साल शुरुआती चरण के स्टार्टअप सबसे बड़े लाभार्थी रहे. शुरुआती चरण के स्टार्टअप ने संचयी रूप से 893 मिलियन डॉलर जुटाए, जो 433 सौदों में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत अधिक था.

फिनटेक सेक्टर ने 162 सौदों में 2.5 बिलियन डॉलर जुटाए, जबकि एंटरप्राइज टेक और कंज्यूमर सर्विस सेक्टर प्रत्येक ने 1.8 बिलियन डॉलर हासिल किए.

ट्रैक्सन डेटा के अनुसार, 2024 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में, टेक स्टार्टअप्स को 540 फंडिंग राउंड में 5.32 बिलियन डॉलर मिले, जो कि 2023 केी दूसरी छमाही से 8 प्रतिशत अधिक है, जहां 890 राउंड में 4.92 बिलियन डॉलर जुटाए गए थे.

भारत के टेक इकोसिस्टम में 2024 में छह यूनिकॉर्न उभरे, जो 2023 में 2 यूनिकॉर्न की तुलना में 200 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेप्टो ने अकेले 2024 में तीन राउंड में लगभग 1.3 बिलियन डॉलर जुटाए.

इस साल, 13 न्यू कंपनियों ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लॉन्च किए, क्योंकि स्टार्टअप्स ने कुल मिलाकर शेयर बाजार से 29,200 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए.

आईपीओ की बात करें तो 2021 में यह आंकड़ा 10, 2022 में छह और 2023 में छह रहा.

स्टार्टअप आईपीओ में टीएसी सिक्योरिटी, यूनीकॉमर्स, मोबिक्विक, टीबीओ टेक, इक्सिगो, ट्रस्ट फिनटेक, फर्स्टक्राई, मेनहुड, ऑफीस, स्विगी, डिजिट इंश्योरेंस, ब्लैकबक और ओला इलेक्ट्रिक शामिल हैं.

स्टार्टअप कंपनियों में सबसे बड़ा आईपीओ ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने 11,327.43 करोड़ रुपये में पेश किया.

स्विगी के शेयर 7.69 फीसदी प्रीमियम के साथ 420 रुपये की कीमत पर शेयर बाजार में लिस्ट हुआ. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा अब तक कम से कम 157,066 स्टार्टअप को मान्यता दी गई है और पोर्टल पर 25 दिसंबर तक 759,303 यूजर्स रजिस्टर्ड हैं.

लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में अब 73,000 से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनमें कम से कम एक महिला निदेशक हैं, जिन्हें ‘स्टार्टअप इंडिया पहल’ के तहत मान्यता दी गई है.

एसकेटी/केआर