पटना, 2 मई . बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के ताजा बयान पर तीखा पलटवार किया है. तेजस्वी के क्रेडिट लेने के दावों को खारिज करते हुए चौधरी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वेक्षण का पूरा श्रेय नीतीश कुमार और उनकी सरकार को जाता है. उन्होंने तेजस्वी पर बिना मेहनत किए सुर्खियां बटोरने का आरोप लगाया.
हाल ही में तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार द्वारा 2025 की जनगणना में जातीय गणना शामिल करने के फैसले को अपनी और महागठबंधन की जीत बताया था. उन्होंने दावा किया कि बिहार में 2023 में कराया गया जातीय सर्वेक्षण उनकी पहल का नतीजा था. इस पर अशोक चौधरी ने तंज कसते हुए कहा, “देखिए, इन लोगों ने अपने समय में कुछ नहीं किया. अब क्रेडिट लेने की होड़ मचाए हुए हैं. तेजस्वी चिंता न करें, जो करेंगे, हम लोग ही करेंगे. बिहार में जातीय सर्वेक्षण की घोषणा नीतीश कुमार ने की थी, जब राजद गठबंधन में नहीं थी.”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बिहार के जातीय सर्वे को “फर्जी” कहे जाने पर भी अशोक चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और उनके लोग जुबानी राजनीति करते हैं, लिप सर्विस में माहिर हैं. अगर हमारा सर्वे फर्जी था, तो अपने शासित राज्यों में सही सर्वे क्यों नहीं कराया? तुलना करने से पहले कुछ करके दिखाएं.”नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी वो नेता हैं, जिन्होंने कथनी से ज्यादा करनी पर ध्यान दिया.”
जातीय जनगणना में मुस्लिम समुदाय को शामिल करने की मांग पर चौधरी ने सहमति जताई. उन्होंने कहा, “मुसलमानों में पसमांदा समाज है, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा है. अंसारी, बुनकर, जुलाहा जैसे समुदायों की हिस्सेदारी न के बराबर है. जिसकी जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी का फॉर्मूला लोकतंत्र का आधार है. हाशिए पर पड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान जरूरी है.”
अशोक चौधरी ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव कहते हैं कि हमने 17 महीने में नौकरियां दीं, सर्वे कराया. लेकिन सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार की घोषणा के समय राजद साथ नहीं थी. अब जब काम हो गया, तो क्रेडिट की होड़ मची है.
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एकेएस/एएस