यूएई से भारत लाया गया भगोड़ा उपवन पवन जैन, ठगी के गंभीर आरोप

नई दिल्ली, 21 जून . भारतीय जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है. गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन को यूएई से प्रत्यर्पण करके लाया गया है. उपवन पवन जैन गुजरात पुलिस का वांछित आरोपी है, जिसके खिलाफ धोखाधड़ी, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) और एनसीबी-अबू धाबी से कॉर्डिनेशन किया. इस सहयोग से अपराधी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया. इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों और आरोपियों की ट्रैकिंग के लिए भेजा जाता है.

इसके बाद एजेंसी ने इंटरपोल और अबू धाबी के एनसीबी के साथ मिलकर आरोपी को यूएई में ट्रेस किया और निरंतर समन्वय कर उसे भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की. इंटरपोल चैनलों के माध्यम से इस कॉर्डिनेशन के बाद उपवन पवन जैन को 20 जून को भारत वापस लाया गया.

सीबीआई ने एक प्रेस नोट में बताया कि सीबीआई ने गुजरात पुलिस के अनुरोध पर 6 मार्च 2023 को इंटरपोल रेड नोटिस जारी करवाया था. उपवन पवन जैन की गिरफ्तारी यूएई में हुई और उसके बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था.

सीबीआई के मुताबिक, एक मामला गुजरात के सूरत शहर के अदाजन पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिसमें उस पर छलपूर्वक स्वयं को गलत तरीके से पेश करने, धोखाधड़ी कर संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं.

उपवन पवन जैन एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कार्यरत था. उसने शिकायतकर्ता को चार अलग-अलग संपत्तियां दिखाईं और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित किया. आरोप है कि उसने अपने सहयोगियों को असली संपत्ति मालिकों की फर्जी पहचान देकर बैंक खाते खुलवाए और धोखाधड़ी करके साढ़े 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की.

सीबीआई ने प्रेस नोट में बताया कि पिछले कुछ सालों में इंटरपोल के माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है. ये सफलता भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में बढ़ती क्षमता और सीबीआई की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है.

डीसीएच/केआर