एफएसएसएआई ने 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को दिया प्रशिक्षण: सरकार

New Delhi, 9 अगस्त . देश में सुरक्षित खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अब तक 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया है. इसकी जानकारी सरकार ने संसद को दी.

Lok Sabha में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि देश में खाद्य सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इनमें 2017 में शुरू किया गया फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन कार्यक्रम भी शामिल है.

उन्होंने कहा, “इस पहल के तहत स्ट्रीट फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों, चाहे वे खाद्य व्यवसाय संचालक हों या कर्मचारी, उन्हें खाद्य सुरक्षा और मानकों का प्रशिक्षण दिया जाता है. फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन कार्यक्रम के तहत ‘स्ट्रीट फूड वेंडिंग’ नामक विशेष जागरूकता पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से पूरे देश में 3 लाख से अधिक स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है.”

मंत्री ने बताया कि एफएसएसएआई निरीक्षण, जागरूकता अभियान और कड़े प्रवर्तन के जरिए स्ट्रीट फूड की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करता है. उन्होंने कहा, “एफएसएसएआई नियमित रूप से निगरानी, निरीक्षण और खाद्य उत्पादों का रैंडम सैंपल लेकर जांच करता है, ताकि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006, के तहत तय मानकों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके. नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित खाद्य व्यवसाय संचालकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है.”

एफएसएसएआई ईट राइट इंडिया आंदोलन के तहत ईट राइट स्ट्रीट फूड हब प्रमाणन कार्यक्रम भी चला रहा है, जिससे खाद्य गलियों में स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके. अब तक 405 ईट राइट स्ट्रीट फूड हब प्रमाणित किए जा चुके हैं.

इसके अलावा, दूरदराज के क्षेत्रों में मौके पर ही खाद्य परीक्षण और सुरक्षा संबंधी जानकारी पहुंचाने के लिए एफएसएसएआई ने मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब भी शुरू की हैं. अब तक देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 305 मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब तैनात की जा चुकी हैं.

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