Mumbai , 11 अगस्त . देश के सबसे लोकप्रिय हेयर स्टाइलिस्टों में शुमार आलिम हकीम ने निर्देशक मोहित सूरी के साथ अपने 20 साल पुराने रचनात्मक रिश्ते को एक खास इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए साझा किया. उन्होंने मोहित सूरी के साथ एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे कैमरे की ओर देखते हुए विक्ट्री पोज दे रहे हैं.
तस्वीर के साथ आलिम ने मोहित सूरी की फिल्मों के कई पोस्टर्स भी साझा किए, जिनमें ‘सैयारा’, ‘मलंग’, ‘मर्डर’, ‘आशिकी 2’, ‘मर्डर 2’, ‘विलेन’, ‘एक विलेन रिटर्न्स’, ‘आवारापन’, ‘राज’, ‘हमारी अधूरी कहानी’, ‘हाफ गर्लफ्रेंड’, ‘वो लम्हें’, और ‘क्रूक’ शामिल हैं.
आलिम ने मोहित सूरी की सिनेमाई दुनिया की गहराई को समझाते हुए लिखा, ”’जहर’ (2005) से ‘सैयारा’ (2025) तक, मुझे मोहित सूरी की असाधारण यात्रा का हर अध्याय करीब से देखने और उसका हिस्सा बनने का दुर्लभ सौभाग्य मिला है. इन दो दशकों में, मैंने मोहित की जादूगरी को बहुत करीब से देखा है, ऐसा जादू जिससे वो शानदार किरदार गढ़ते हैं जो बेहद असली होते हैं, फिर भी उनमें एक सिनेमाई चमक होती है जो मन को छू जाती है.”
उन्होंने हेयर स्टाइलिंग को सिर्फ एक लुक नहीं, बल्कि किरदार की आत्मा का हिस्सा बताया.
उन्होंने आगे लिखा, ”बाल कभी केवल स्टाइल नहीं होते… वो किरदार की एक खामोश कविता होते हैं, एक ऐसी भाषा जो बिना कुछ कहे सीधा दिल से बात करती है. मोहित सूरी के साथ, बालों की हर एक लट कहानी का हिस्सा बन जाती है जो पर्दे से उतरने के बाद भी याद रहती है.”
आलिम हकीम ने मोहित सूरी की फिल्मोग्राफी के जरिए उनके स्टाइल और सेंसिबिलिटी की तारीफ करते हुए लिखा, ”’जहर’, ‘कलयुग’, ‘आवारापन’, ‘राज’, ‘वो लम्हे’, ‘मर्डर 2’, ‘आशिकी 2’, ‘एक विलेन’, ‘हाफ गर्लफ्रेंड’, ‘मलंग’, ‘एक विलेन रिटर्न्स’ से लेकर अब ‘सैयारा’ तक, हर फिल्म ने मुझे डिटेल्स के जरिए कहानी कहने की एक नई सीख दी है.”
उन्होंने बताया कि मोहित चीजों में कितनी गहराई से शामिल रहते हैं, हर लुक टेस्ट में, हर किरदार की बारीकी में, और सबसे अहम, सुनने की अपनी खूबी में.
आखिर में उन्होंने इस रिश्ते को एक भाईचारे की तरह परिभाषित किया. उन्होंने लिखा, ”बीस साल. अनगिनत किरदार. और एक ऐसा भाईचारा जो भरोसे, सम्मान और साझा सपनों पर बना है. हर उभरते फिल्ममेकर के लिए मोहित की यात्रा इस बात का जीता-जागता सबूत है कि फोकस, विनम्रता और जुनून से हमेशा कालजयी जादू रचा जा सकता है.”
उन्होंने भविष्य की संभावनाओं को लेकर भी उम्मीद जताई और कहा, ”उन कहानियों के नाम… जो हमने सुनाईं और उन कहानियों के लिए… जो हम आगे रचेंगे.”
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पीके/केआर