New Delhi, 18 जून . केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने Wednesday को अपने मंत्रालय की कुछ प्रमुख उपलब्धियों को शेयर किया, जिसमें बताया गया कि देश वैश्विक स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग से लेकर एफडीआई इनफ्लो तक में तेजी से उभर रहा है.
Union Minister ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’पर कहा, “निवेश और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड सुधारों को अधिसूचित किया गया है. फैक्ट्री स्थापित करने के लिए आवश्यक क्षेत्र को पहले के 50 हेक्टेयर से घटाकर 10 हेक्टेयर कर दिया गया है. इसके अलावा, निर्माताओं को जरूरी शुल्कों के भुगतान के बाद घरेलू स्तर पर आपूर्ति करने की भी अनुमति दी गई है.”
चमड़ा निर्यातकों, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र के निर्यातकों के लिए अच्छी खबर यह है कि तैयार, गीले नीले और ईआई टैन्ड चमड़े के निर्यात पर बंदरगाह प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि उनके उत्पादों को देश भर में किसी भी बंदरगाह या अंतर्देशीय कंटेनर डिपो से निर्यात किया जा सकता है. इसके साथ ही अनिवार्य टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन को भी हटा दिया गया है.
गोयल ने कहा, “वित्त वर्ष 2024-25 में 81.04 बिलियन डॉलर के एफडीआई इनफ्लो के साथ India पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, इसमें 2023-24 की तुलना में 14 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसी अवधि के दौरान विनिर्माण एफडीआई में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 19.04 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो ‘मेक इन इंडिया’ की एक उपलब्धि है.”
Union Minister ने कहा, “Odisha में ऑल-वुमेन फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी को प्रसिद्ध आम्रपाली आम की अपनी उपज इटली भेजने का मौका मिला है, जो हमारे बागवानी निर्यात के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और हमारे किसानों के लिए अपनी आय बढ़ाने का एक बड़ा अवसर है.”
जम्मू और कश्मीर की प्रीमियम चेरी की पहली वाणिज्यिक खेप सऊदी अरब और यूएई के लिए रवाना हुई. किसानों के पास अब अपनी उपज बेचने और लाभ कमाने के लिए एक बड़ा बाजार खुला है.
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) योजना India के विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव रही है.
गोयल ने कहा, “इस योजना के तहत उद्योगों में 14 अलग-अलग क्षेत्रों को समर्थन दिया गया है, जिससे 2020 से कई सफलता की कहानियां लिखी गई हैं, जो India को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही हैं. निर्यात और उत्पादन को बढ़ावा दे रही हैं और महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा कर रही हैं.”
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एबीएस/