वजन कम करने से लेकर दिल की सेहत तक, सब में असरदार हैं ग्रीन-टी

New Delhi, 20 अगस्त . कभी चाय सिर्फ थकान मिटाने का एक तरीका हुआ करती थी, लेकिन अब चाय सेहत का भी हिस्सा बन चुकी है. बदलती दिनचर्या और बढ़ते तनाव के बीच आज लोग पहले से कहीं ज्यादा अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो गए हैं. इसी सेहतमंद बदलाव का एक बड़ा हिस्सा बनी है ‘ग्रीन टी’, जो अब भारतीय रसोई में भी अपनी जगह बना चुकी है. माना जाता है कि ग्रीन टी के पत्तों में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करते हैं और कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.

ग्रीन टी को वैज्ञानिक भाषा में कैमेलिया साइनेंसिस कहा जाता है. इसमें दूध या चीनी नहीं डाली जाती और इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन सेहत के लिए यह काफी फायदेमंद मानी जाती है.

वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक, ग्रीन टी में कई सारे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर के अंदर जमा जहरीले तत्वों को साफ करते हैं. इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है, वजन कंट्रोल में रहता है, और पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है. कई रिसर्च में साबित हुआ है कि यह बड़ी आंत की सूजन, डायबिटीज, और शराब के नुकसान को भी कम करने में मदद कर सकती है.

दिन में एक से तीन कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद माना जाता है. इसे बनाने के लिए एक टी बैग या 2-4 ग्राम ग्रीन टी को गर्म पानी में 1-2 मिनट के लिए डाला जाता है. ज्यादा देर तक इसे उबालने से इसका स्वाद कड़वा हो सकता है और इसके गुण भी कम हो सकते हैं. कुछ लोग इसमें अदरक, तुलसी, दालचीनी या इलायची भी डालते हैं, जिससे इसका स्वाद और असर दोनों बढ़ जाते हैं.

ग्रीन टी का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी हो सकते हैं. रिसर्च के मुताबिक, ज्यादा ग्रीन टी पीने से नींद न आना, पेट में गैस, भूख कम लगना या दिल की धड़कन तेज होना जैसे लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा, जो लोग ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन की दवाएं ले रहे हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह से ही ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए.

पीके/एएस