‘फ्रैजाइल फाइव’ से ‘ब्राइट स्पॉट’ तक, स्मृति ईरानी ने पीएम मोदी के 10 साल की सराहना की

मुंबई, 15 मार्च . केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को यहाँ कहा कि ‘फ्रैजाइल फाइव’ से ‘ब्राइट स्पॉट’ तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पिछले 10 साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है.

महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को मुंबई में ‘विकसित भारत एंबेसेडर’ कार्यक्रम में कहा कि मजबूत माँग के कारण जनवरी में देश की फैक्ट्री गतिविधि चार महीनों में सबसे तेज गति से बढ़ी. रुपया अन्य मुद्राओं के मुकाबले सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बना हुआ है.

याद दिला दें, भारत और इंडोनेशिया को एक बार मॉर्गन स्टेनली के ‘फ्रैजाइल फाइव’ की सूची में रखा था.

उन्होंने कहा, ”क्या एक दशक काफी है? हम महत्वाकांक्षी, नवोन्मेषी, विनम्र और फिर भी आकांक्षी हैं. हम एकमात्र देश थे जिसने भू-राजनीतिक लाभ के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को बंद नहीं किया. जब दुनिया कोविड महामारी की चपेट में थी, तब हमने अपनी अर्थव्यवस्था को जोखिम में डाले बिना मानवता को सबसे ऊपर रखा.”

युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा, “वर्ष 2047 आप जैसे पुरुषों और महिलाओं को परिवर्तन का चैंपियन बनने का हकदार बनाता है. यही कारण है कि मैं आज यहाँ हूँ. यह एक चुनाव के बारे में नहीं है. यह एक देश के बारे में है जो दुनिया में शीर्ष स्थान पर पहुँचने का इंतजार कर रहा है.”

मंत्री ने कहा, ”मैंने बदलाव और विकास देखा है.” उन्होंने प्रतिभागियों से पूछा कि क्या वे इसके सिर्फ गवाह बने रहेंगे या एंबेसेडर बनेंगे.

उन्होंने सभा से आग्रह किया, ”विकसित भारत के एंबेसेडर बनें, भारत को आपकी जरूरत है.”

मंत्री ने दर्शकों को वित्त, बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, अंतरिक्ष, खेल और सांस्कृतिक विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों के बारे में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की एक श्रृंखला के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि “2014-24 भारत का दशक है, यह भारत का समय है”.

उन्होंने कहा, “भारत अब ‘सशक्त भारत’ बन गया है, जहाँ वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी हिंसा में 76 प्रतिशत की कमी आई है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है, नागरिक मौतों में 81 प्रतिशत की कमी आई है और सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी आई है.” उन्होंने कहा कि 2014-22 के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में 6,800 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं, रक्षा व्यय 2014-15 में 3.17 लाख करोड़ रुपये से दोगुना होकर 2023-24 में 6.23 लाख करोड़ रुपये हो गया.

मंत्री ने कहा, “हम खेल, अंतरिक्ष, विज्ञान और स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्कृष्टता की खोज पर ध्यान दे रहे हैं, जिसने ‘विकसित भारत’ नामक महत्वाकांक्षा की नींव रखी. वित्त वर्ष 2003-04 में आर्थिक सर्वेक्षण में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल के बेहतरीन आँकड़ों को दर्शाया गया था – अर्थव्यवस्था 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी, सेवा क्षेत्र सात प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था, और कृषि नौ प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी.

“2004 में राजनीतिक हितों का एक मिश्रण आया जिसने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को राष्ट्रीय हितों से आगे रखा और यही कारण है कि भारत फ्रैजाइल फाइव का हिस्सा बना, और बहुत से लोग हैरान नहीं थे.”

उन्होंने कहा, “एक श्वेत पत्र के अनुसार, वाजपेयी युग के दौरान पीएसयू बैंकों द्वारा दिया गया सकल ऋण 6.6 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन यूपीए शासन में ऋण 39 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया.”

”विकास की कमी के कारण बर्बाद हुए एक दशक में, 3.8 लाख करोड़ रुपये के ऋण को संकट में फँसी संपत्ति के रूप में मान्यता नहीं दी गई. 14 प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी धनराशि खर्च नहीं की जा सकी. अगर आप अर्थव्यवस्था की स्थिति और स्वास्थ्य पर लोगों द्वारा अपनी जेब से किए जाने वाले खर्च को देखें, तो उन्हें करीब 64.2 प्रतिशत का नुकसान हुआ है.”

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