रियासी में निःशुल्क आयुष जागरूकता व स्वास्थ्य जांच शिविर, पारंपरिक चिकित्सा से लोगों को लाभ

रियासी, 9 सितंबर . जम्मू-कश्मीर में Tuesday को रिसायी जिले में निःशुल्क आयुष जागरूकता एवं स्वास्थ्य जांच शिविर का सफल आयोजन किया गया. यह शिविर आयुष निदेशक डॉ. नुजहत बशीर शाह के निर्देशन में लगाया गया, जिसका उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना था.

क्षेत्र के बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने शिविर में भाग लेकर मुफ्त स्वास्थ्य जांच, परामर्श और आयुष दवाओं का लाभ उठाया. आयुर्वेद, यूनानी, योग और होम्योपैथी के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रोगों की रोकथाम, जीवनशैली प्रबंधन और प्राकृतिक उपचार पर मार्गदर्शन दिया.

शिविर में शामिल एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह शिविर बहुत अच्छा है. लोगों के लिए ऐसा आयोजन एक बड़ी पहल है. मेरी अपील है कि आयुष मंत्रालय हर महीने ऐसे शिविर लगाए. लोग मुफ्त दवाइयां और जांच सुविधाएं प्राप्त कर रहे हैं. मैं रियासी के सभी लोगों से इन सेवाओं का लाभ उठाने का अनुरोध करता हूं.”

चिकित्सक डॉ. बिलाल ने को बताया, “हमें उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया था कि रियासी के लोगों के लाभ हेतु यह शिविर लगाया जाए. उद्देश्य केवल उपचार देना ही नहीं, बल्कि लोगों को सरकार द्वारा उपलब्ध निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूक करना भी है.”

आयुष का अर्थ है आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी. ये पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां हैं, जो समग्र स्वास्थ्य, रोगों की रोकथाम और प्राकृतिक उपचार पर केंद्रित होती हैं.

9 नवम्बर 2014 को स्थापित आयुष मंत्रालय का उद्देश्य भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों के गहन ज्ञान को पुनर्जीवित करना, इनके समुचित विकास, प्रचार-प्रसार और वैश्विक स्तर पर प्रसार को सुनिश्चित करना है. इससे पहले, नवंबर 2003 में आयुष विभाग की स्थापना शिक्षा और शोध पर केंद्रित कार्यों के लिए की गई थी.

डीएससी/