मुजफ्फरपुर, 7 अप्रैल . बिहार में एक महिला के साथ चाकू के बल पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. यह घटना मुजफ्फरपुर में मीनापुर इलाके के एक गांव की है.
पुलिस ने रविवार को बताया कि आरोपियों ने लीची बगान के पास एक अप्रैल की रात महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. महिला के साथ चार दरिंदों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. हैवानियत की वजह से महिला बेहोश हो गई थी. होश में आने के बाद महिला ने अपने पति को पूरी घटना की जानकारी दी.
पति के कहने पर पीड़िता सदर अस्पताल पहुंची. पीड़िता ने महिला थाने में तीन नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. महिला थानेदार ने एफआईआर दर्ज कर पीड़िता की मेडिकल जांच कराई और 164 के तहत बयान दर्ज कराया.
पूछताछ के दौरान पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि उसका पति ऑटो चलाने के अलावा सिक्योरिटी गार्ड का काम भी करता है. उसने कर्ज पर एक ऑटो लिया है. ऑटो की किस्त भरने के लिए उसने पत्नी को एक परिचित महिला के घर 5 हजार रुपये लेने के लिए भेजा. जब वह रुपये लेकर लौट रही थी, उसी दौरान बगीचे में चार युवकों ने चाकू दिखाकर उसे घेर लिया. वह पहले छेड़खानी करने लगे. विरोध करने पर उन्होंने चाकू से वार कर उसे घायल कर दिया. फिर दरिंदों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया. आरोपियों ने पुलिस से शिकायत करने पर हत्या करने की धमकी भी दी.
पीड़िता को सदर अस्पताल में इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया. इलाज के बाद पीड़िता ने महिला थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.
महिला थानेदार अदिति कुमारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पीड़िता की मेडिकल जांच कराकर 164 के तहत बयान दर्ज किया गया है. आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
सामूहिक दुष्कर्म इस के मामले पर पाटलिपुत्र क्षेत्र से राजद की उम्मीदवार मीसा भारती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “अब मुख्यमंत्री को जवाब देने में देर क्यों हो रही है? वे हम पर जंगलराज लाने का आरोप लगाते थे, लेकिन हमारे शासन में ऐसा कभी नहीं हुआ, अब हर एक-दो दिन में इस तरह की घटनाएं घट रही हैं, जिस पर मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं.”
महागठबंधन में मुकेश सहनी को शामिल कर जातिवाद को बढ़ावा देने के आरोप के जवाब में उन्होंने कहा, “चिराग पासवान को साथ लेकर एनडीए ने क्या साबित किया है? इन्होने उपेंद्र कुशवाहा को साथ लिया है तो क्या यह जातिवाद नहीं है? हमने एक गरीब के बेटे को साथ मिलाया है तो उन्हें जातिवाद नजर आ रहा है.”
मीसा भारती ने पाटलिपुत्र क्षेत्र के बारे में कहा कि यहां से चुनकर दो बार लोग संसद में गए, लेकिन बिहार के बारे में कोई आवाज नहीं उठाई, इस बार जनता उसे चुनेगी जो उनका मुद्दा मुखर होकर संसद में उठा सके.
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एफजेड/एसजीके