दिवंगत माधवराव सिंधिया की प्रतिमा के गले में फंदा डालकर किया गया शिफ्ट, चार इंजीनियर निलंबित

कटनी, 17 नवंबर . दिवंगत नेता माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को आपत्तिजनक तरीके से स्थानांतरित करने के मामले पर विवाद हो गया है. यह मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गया है. यहां राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 30 के कटनी बाईपास मार्ग पर चारलेन करने के लिए चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है. इसके अंतर्गत चाका बायपास में स्थापित माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को स्थानांतरित किया गया.

जानकारी के अनुसार, प्रतिमा के गले में फंदा डालकर उसको स्थानांतरित किया गया, जिसका वीडियो वायरल हो गया है. इसके बाद सीएम मोहन यादव ने मामले का संज्ञान लिया. इस मामले में निर्माण कार्य एजेंसी के जिम्मेदार सीनियर इंजीनियर मनोज वर्मा एवं इंजीनियर आशीष सिंह परिहार तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्राधिकरण अभियंता के जिम्मेदार टीम लीडर राजेश कुमार नेमा एवं सहायक ब्रिज इंजीनियर दीपक सोनी को निलंबित कर दिया है.

इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों को भी लापरवाही बरतने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है जिसके बाद बाकी जिम्मेदार व्यक्तियों की लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्रोजेक्ट इंचार्ज आनंद प्रसाद (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण, कटनी) ने बताया कि पीर बाबा बाईपास से लेकर जुहला तक 19 किलोमीटर का बाईपास फोरलेन मार्ग बनाया जा रहा है. जुहला के पास लगी माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को इस कारण से हटाया जाना था. निर्माण एजेंसी द्वारा प्रतिमा को स्थानांतरित करने का तरीका अपमानजनक था. इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद कार्रवाई की गई है और पूरे मामले की जांच की जा रही है.

इस मामले पर भाजपा के विधायक संजय पाठक ने कहा, “भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की प्रतिमा यहां पहले से स्थापित थी. क्योंकि यहां बाईपास का निर्माण हो रहा है, इसलिए इस प्रतिमा को नए स्थान पर पुनर्स्थापित करना था. लेकिन सिंधिया जी की प्रतिमा को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से क्रेन से लटका कर और फंदे से बांध कर शिफ्ट किया गया जो बहुत ही आपत्तिजनक है.”

उन्होंने आगे कहा कि मैं आग्रह करता हूं कि जिस भी कर्मचारी या अधिकारी या जिनकी मौजूदगी में यह कार्य हुआ है, उनको दंडित किया जाए ताकि भविष्य में भारत के किसी भी महान नेता के साथ ऐसी अपमानजनक हरकत दोबारा न होने पाए. मेरी यह भी मांग है कि माधवराव सिंधिया जी की प्रतिमा को पूरी भव्यता के साथ यहां पुनर्स्थापित किया जाए.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासन काल में उद्घाटन के दौरान इस बाईपास का नाम माधवराव सिंधिया के नाम पर रखा गया था और जुहला पर उनकी प्रतिमा स्थापित की गई थी.

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