नई दिल्ली, 24 अगस्त . विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को घोषणा की कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) के दूसरे दौर में भाग लेने के लिए जाएंगे. यह सम्मेलन 26 अगस्त को सिंगापुर में आयोजित किया जाएगा..
अपनी इस यात्रा के दौरान, सभी मंत्री अपने समकक्षों के साथ बातचीत करेंगे और सिंगापुर सरकार के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “यह बैठक दोनों पक्षों को अपनी रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने और इसे आगे बढ़ाने और व्यापक बनाने के लिए नए रास्तों की पहचान करने में सक्षम बनाएगी.”
आईएसएमआर भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित एक उच्च स्तरीय व्यवस्था है.
सितंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित इसके उद्घाटन बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था, “आईएसएमआर की स्थापना एक अग्रणी पहल है जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी और यह भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाती है.”
पहली बैठक के लिए सिंगापुर के चार वरिष्ठ मंत्रियों ने भारत की यात्रा की थी, जिनमें सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, परिवहन और व्यापार संबंध मंत्री एस. ईश्वरन, और व्यापार और उद्योग मंत्री गण किम योंग शामिल थे.
इस सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान विशेष रूप से डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, हरित अर्थव्यवस्था, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा के उभरते क्षेत्रों पर चर्चा केंद्रित थी.
आईएसएमआर की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने उम्मीद जताई थी कि इस तरह की पहल से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी.
पहली बैठक के बाद, सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) और गुजरात में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के बीच एक फिनटेक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
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