उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों के साथ मारपीट और जबरन बाल काटने की घटना, चार आरोपी गिरफ्तार

इटावा, 23 जून . उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक धार्मिक आयोजन के दौरान कथावाचकों के साथ मारपीट, अभद्रता और जबरन बाल काटने की शर्मनाक घटना सामने आई है. social media पर इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद Police ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

घटना थाना बकेवर क्षेत्र के ग्राम दादरपुर की है, जहां 21 जून को एक भागवत कथा का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में कथावाचक मुकुट मणि और आचार्य संत सिंह कथा वाचन कर रहे थे. आयोजन के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कथावाचकों की जाति को लेकर आपत्ति जताई. आरोप लगाया गया कि कथावाचकों ने स्वयं को ब्राह्मण बताकर कथा का आयोजन किया, जबकि वे अन्य जाति से हैं. इसी विवाद ने तूल पकड़ा और कुछ लोगों ने कथावाचकों के साथ मारपीट शुरू कर दी. इतना ही नहीं, उनकी इच्छा के विरुद्ध उनके बाल भी काट दिए गए. इस अमानवीय कृत्य का वीडियो किसी ने बना लिया, जो बाद में social media पर तेजी से वायरल हो गया.

वीडियो के वायरल होने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. वरिष्ठ Police अधीक्षक (एसएसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए social media मॉनिटरिंग सेल को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. सेल ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया और मामले की जांच शुरू की. अपर Police अधीक्षक (ग्रामीण), क्षेत्राधिकारी भरथना, और थाना बकेवर प्रभारी की संयुक्त टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों के बयान दर्ज किए.

जांच के बाद पीड़ित कथावाचकों की तहरीर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. Police ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों आशीष (21 वर्ष), उत्तम (19 वर्ष), प्रथम उर्फ मनु (24 वर्ष) और निक्की (30 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया. इनमें निक्की पर कथावाचकों के बाल जबरन काटने का मुख्य आरोप है. सभी आरोपियों को जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह घटना बकेवर थाना क्षेत्र के एक गांव में आयोजित भागवत कथा के दौरान हुई, जहां कथावाचक के साथ कथित तौर पर मारपीट, अपमानजनक व्यवहार और उनकी चोटी काटने की घटना हुई. सुबह से ही social media पर वायरल वीडियो और शिकायत के आधार पर हमने कार्रवाई शुरू कर दी है. अपर Police अधीक्षक (एएसपी) के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई है, जो इस मामले की गहन विवेचना कर रही है. पीड़ित की पहचान कर ली गई है और सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच की जाएगी.

उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. Police इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रही है. ऐसी घटनाएं सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

पीड़ित ने बताया कि हमले के दौरान उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया और उन पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया. उनके पास मौजूद चार अंगूठियां में से तीन जबरन ले ली गईं, जबकि एक वापस कर दी गई. पीड़ित ने कहा, “हमें लात-घूसों से मारा गया, पैर छूने के लिए मजबूर किया गया, और फिर मेरी और आचार्य जी की चोटी काट दी गई. इसके बाद हमें गांव से भगा दिया गया. वजह सिर्फ यह थी कि हम यादव जाति से हैं. आयोजकों ने शुरू में उनकी जाति नहीं पूछी थी. कथा शुरू होने के बाद जब जाति का पता चला तो उन्होंने कहा हमें ब्राह्मण गुप्ता चाहिए था. तुम शूद्र हो, कथा नहीं कह सकते. हमने कहा कि आपने पहले जाति क्यों नहीं पूछी? हमने कभी अपनी जाति नहीं छिपाई. हमने साफ कहा कि हम यादव हैं, आप चाहें तो पता कर लें. इसके बाद उन्होंने हमारे साथ अमानवीय व्यवहार किया.”

एकेएस/एकेजे