चेन्नई, 9 अप्रैल . तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और दिवंगत मुख्यमंत्री एम.जी. रामचन्द्रन (एमजीआर) के करीबी सहयोगी रहे आर.एम. वीरप्पन का मंगलवार को चेन्नई में निधन हो गया.
वीरप्पन (98) को अक्सर एमजीआर की कई सामाजिक कल्याण योजनाओं के पीछे दिमाग के रूप में जाना जाता था. उनके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं.
एक शक्तिशाली संगठनकर्ता और रणनीतिकार, आरएमवी के नाम से मशहूर वीरप्पन एक सफल फिल्म निर्माता भी थे. उन्होंने ही 1967 में अभिनेता एम.आर.राधा द्वारा गोली मारे जाने के बाद गर्दन पर पट्टी बंधी एमजीआर की तस्वीर का इस्तेमाल किया था.
एमजीआर ने पारंगीमलाई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत हासिल की.
एमजीआर के द्रमुक से बाहर निकलने के बाद वह अन्नाद्रमुक के संस्थापक नेताओं में से एक थे. जब अन्नाद्रमुक सत्ता में आई, तो आरएमवी सूचना और प्रसारण मंत्री बने और बाद में उन्हें हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) मंत्री बनाया गया.
वह दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की अन्नाद्रमुक सरकार के सदस्य भी थे, लेकिन 1995 में फिल्म ‘बाशा’ की सफलता के जश्न के दौरान अभिनेता रजनीकांत के साथ मंच साझा करने के बाद जयललिता ने उन्हें निष्कासित कर दिया. इस जश्न के दौरान रजनीकांत ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए एआईएडीएमके सरकार की आलोचना की थी.
जयललिता ने आरएमवी को बुलाया और उनसे स्पष्टीकरण मांगा लेकिन बाद में उन्हें अपने मंत्रिमंडल से निष्कासित कर दिया गया.
वह द्रविड़ विचारक ईवी रामासामी पेरियार के करीबी सहयोगी भी थे और उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पेरियार के साथ की थी. उन्होंने द्रविड़ कड़गम के आधिकारिक अंग ‘द्रविड़ नाडु’ के एजेंट के रूप में काम किया और द्रविड़ कड़गम के निर्माण में अपने सहायक के रूप में पेरियार के साथ पूरे तमिलनाडु की यात्रा की.
–
एसएचके/