New Delhi, 26 सितंबर . Madhya Pradesh के जबलपुर में सीबीआई कोर्ट ने सागर जिले के खिमलासा उप डाकघर के पूर्व उप डाकपाल को जमाकर्ताओं के खातों से 70 लाख रुपए से अधिक की राशि के गबन के मामले में दोषी ठहराया है और उसे पांच साल की कठोर सजा सुनाई है. सीबीआई ने Friday को यह जानकारी दी.
अदालत ने Thursday को आरोपी विशाल कुमार अहिरवार को पांच साल की सजा सुनाई और 32 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. विशाल कुमार अहिरवार 2020-22 के दौरान खीमलासा में सब पोस्ट मास्टर के पद पर कार्यरत था.
सीबीआई ने बताया कि अहिरवार के खिलाफ साल 2022 में 17 नवंबर को मामला दर्ज किया गया था. आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके निकासी प्रक्रिया में हेरफेर कर फंड की हेराफेरी की.
23 जून 2020 से 19 मार्च 2022 के बीच, अहिरवार ने कथित तौर पर फर्जी निकासी की स्लिप बनाईं और खाता पासबुक में गलत एंट्री कीं.
सीबीआई ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, आरोपी विशाल कुमार अहिरवार ने Governmentी खजाने को 70.97 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया और खुद को उतना ही फायदा पहुंचाया.
इस मामले में जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 23 नवंबर 2023 को जबलपुर में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश के समक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया.
ट्रायल के दौरान, अभियोजन पक्ष ने सबूत पेश किए, जिनसे पता चला कि अहिरवार ने किस तरह से धोखाधड़ी से पैसे निकाले.
सीबीआई ने बताया कि ट्रायल के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई.
इसी तरह, गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज ने 25 सितंबर को अपने फैसले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, नोएडा की एसएसआई ब्रांच के ब्रांच मैनेजर मनोज श्रीवास्तव को 40 लाख रुपए के धोखाधड़ी मामले में दोषी ठहराया. कोर्ट ने उन पर 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और 4 साल की सजा सुनाई.
सीबीआई के अनुसार, उसने 14 दिसंबर 2010 को बैंक धोखाधड़ी के आरोप में ब्रांच मैनेजर मनोज श्रीवास्तव और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
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पीएसके