अमृतसर, 27 दिसंबर . पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अमृतसर शहर से गहरा नाता था. भारत की आजादी के बाद उनका परिवार अमृतसर में आकर बस गया. इसी शहर में उनका बचपन बीता और इसी शहर में उन्होंने कॉलेज स्तर तक शिक्षा पाई.
सामाजिक कार्यकर्ता पवन शर्मा बताते हैं कि डॉ मनमोहन सिंह ने अमृतसर के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी की थी. उन्होंने 1948 में यहां से बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की थी. यहीं 2018 में एलुमनी मीटिंग भी हुई थी, जिसमें उन्होंने भाषण भी दिया था. इस दौरान, उन्होंने अपनी कई पुरानी यादों को स्टूडेंट और मीडियाकर्मियों के साथ साझा किया था.
शर्मा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने विश्व समुदाय में एक ऐसी छाप छोड़ी है, जिसका कायल आज की तारीख में हर कोई है. आर्थिक सुधारों में मनमोहन सिंह का योगदान अहम रहा. आर्थिक मोर्चे पर देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने वाले अगर कोई थे, तो वो डॉ मनमोहन सिंह थे.
उन्होंने कहा कि इस बात को बिल्कुल भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि मनमोहन सिंह ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया. लेकिन, इन तमाम संघर्षों के बावजूद भी उन्होंने अपने जीवन में एक ऐसी सफलता हासिल की है, जिसने मिसाल कायम की.
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि 2014 के बाद उन्हें लेकर भारतीय राजनीति में कई तरह की धाराणाएं पैदा की गईं. लेकिन, उन्होंने बहुत ही विनम्रता से सभी का जवाब दिया. देश के लोग आज भी मनमोहन सिंह के प्रति ऋणि है. हम उनका सत्कार करते हैं. उनका सम्मान करते हैं. उन्हें भारत रत्न अवॉर्ड दिया जाना चाहिए.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया. वो 92 साल के थे. उन्हें गुरुवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में भर्ती कराया गया था. मनमोहन सिंह लगातार दो कार्यकाल के लिए, 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. उन्हें देश में आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है.
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एसएचके/एमके