प्रयागराज, 27 अप्रैल . पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह की इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हो गई है. लेकिन उनकी सजा पर रोक से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. इस वजह से वो लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
शनिवार को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया.
जौनपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में पूर्व सांसद व एक अन्य को सात साल की सजा सुनाई है. इस फैसले के खिलाफ दायर आपराधिक पुनरीक्षण अपील में सजा निरस्त करने की मांग की गई है.
पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को शनिवार सुबह आठ बजे जौनपुर जिला कारागार से बरेली जेल शिफ्ट किया गया. पुलिस के मुताबिक शासन के आदेश पर उन्हें शिफ्ट किया गया है.
धनंजय बीते छह मार्च से जौनपुर के जिला कारागार में बंद थे. एंबुलेंस में बैठते धनंजय सिंह का वीडियो सामने आया है. इसमें कुछ लोग उनसे पूछ रहे हैं कि कुछ कहना है? वह कोई जवाब नहीं देते हैं.
धनंजय सिंह के वकील ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें झूठा फंसाया गया है. जो तीन गवाह हैं, उनमें दो सरकारी कर्मचारी और एक प्रोजेक्ट का कर्मचारी है. जो आपराधिक इतिहास बताया गया है, उनमें अधिकतर मुकदमे राजनीतिक कारणों से कराए गए है.
ज्ञात हो कि धनंजय को इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण-रंगदारी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने 6 मार्च को 7 साल की सजा सुनाई थी. तब से यानी 53 दिन से वह जेल में बंद हैं.
धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बसपा ने जौनपुर से टिकट दिया है. भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को उतारा है.
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