बेंगलुरू, 10 दिसंबर . देश के पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का मंगलवार तड़के बेंगलुरु में उनके आवास पर निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. वह बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर पूर्व सांसद और कन्नड अभिनेत्री सुमलता अंबरीश ने शोक व्यक्त किया है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करती हूं. उनका जो आईटी क्षेत्र में बेंगलुरु में योगदान है, वह अद्वितीय है. उन्होंने सॉफ्टवेयर क्रांति को जन्म दिया. बेंगलुरु को ‘सिलिकॉन वैली’ कहा जाता है, यह उनका ही योगदान था. कर्नाटक, बेंगलुरु और पूरे भारत के लोगों ने सॉफ़्टवेयर उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. मेरे पति स्वर्गीय अंबरीश मांड्या उनके ही निर्वाचन क्षेत्र से आते हैं. उनका एक-दूसरे के साथ बहुत करीबी संबंध था और वह इस राजनीतिक यात्रा में भी एक साथ चले थे. राजनीति में प्रवेश करने के 5 साल बाद, मैंने उनसे आशीर्वाद लिया और अपनी यात्रा शुरू की. निश्चित रूप से, वह हमारे लिए मार्गदर्शक रहे हैं.”
बता दें कि 1 मई, 1932 को कर्नाटक के मद्दुर में जन्मे एसएम कृष्णा ने मैसूर के महाराजा कॉलेज और बेंगलुरु के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की, उसके बाद टेक्सास के सदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी और वाशिंगटन डीसी के जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से एडवांस डिग्री हासिल की. प्रतिष्ठित फुलब्राइट स्कॉलरशिप प्राप्तकर्ता कृष्णा अपने समय के सबसे सफल नेताओं में से एक थे.
उन्होंने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, जिसके दौरान उन्होंने बेंगलुरू को वैश्विक आईटी हब में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यूपीए सरकार के तहत 2009 से 2012 तक विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने एक प्रतिष्ठित राजनेता के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को और मजबूत किया. उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल (2004-2008) और कर्नाटक विधानसभा का अध्यक्ष (1989-1993) पद भी संभाला.
कांग्रेस के दिग्गज रहे कृष्णा ने वैचारिक मतभेदों का हवाला देते हुए 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ज्वाइन कर ली. अपनी सेवानिवृत्ति तक कर्नाटक की राजनीति में मार्गदर्शक बने रहे. उनके योगदान के सम्मान में, उन्हें 2023 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
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पीएसएम/जीकेटी