पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे नहीं रहे

नई दिल्ली, 26 जून . पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया. वह 90 साल के थे. मुचकुंद दुबे सामाजिक विकास परिषद के अध्यक्ष और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में प्रोफेसर भी रहे थे.

वह बीते एक महीने से विभिन्न आयु संबंधी बीमारियों के कारण अस्वस्थ थे. उन्होंने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में अंतिम सांस ली.

1933 में अविभाजित बिहार में जन्मे मुचकुंद दुबे 1957 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए थे. अपने लंबे और शानदार राजनयिक करियर में दुबे ने बांग्लादेश में उच्चायुक्त और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य किया.

मुचकुंद दुबे ने यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य होने के अलावा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) मुख्यालय में भी काम किया था.

उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया. उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि हासिल की.

भारतीय विदेश सेवा से रिटायर्ड होने के बाद वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में शामिल हो गए. यहां उन्होंने करीब आठ सालों तक पढ़ाया.

दुबे के परिवार में उनकी पत्नी बसंती दुबे और दो बेटियां- मेधा दुबे और मधु दुबे हैं.

पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे का अंतिम संस्कार गुरुवार को शाम 4 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा.

एफजेड/