जम्मू, 16 मार्च . जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने हाल ही में भट्टा दुर्रिया आर्मी काफिले और ढांगरी आतंकवादी हमलों के संदर्भ में महत्वपूर्ण बयान दिया है. एसपी वैद ने पाकिस्तान के पंजाब में एक अज्ञात बंदूकधारी द्वारा अबू क़ताल, जो लश्कर-ए-तैयबा के जम्मू-कश्मीर ऑपरेशन्स का प्रमुख था, को मार दिए जाने की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि यह घटनाक्रम एक बड़ा संदेश है.
एसपी वैद ने कहा कि अबू क़ताल जो हाफिज सैयद का करीबी सहयोगी था और उसके रिश्तेदार भी होने की संभावना है, जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था. अबू क़ताल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के दिन, 9 जून को रियाशी में शिवखोड़ी यात्रा पर हमले का मास्टरमाइंड था. इसके अलावा,वह कई अन्य आतंकी हमलों में भी शामिल रहा है.
एसपी वैद ने अबू क़ताल के मारे जाने को एक बेहद अच्छी खबर बताते हुए कहा कि यह आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के लिए एक संदेश है कि कहीं भी छुप कर बैठने से सुरक्षा नहीं मिल सकती. क़ताल जैसे आतंकवादी का मारा जाना उन लोगों के लिए न्याय है, जो हमले में मारे गए. अब इस क्षेत्र के निवासियों को राहत मिलेगी जो आतंकवादियों के डर में जी रहे थे.
एसपी वैद ने अबू क़ताल के चरित्र को गज़वा-ए-हिंद के विचारधारा को मानने वाला बताया. उन्होंने कहा कि क़ताल ने विलेज डिफेंस कमेटी के लोगों की आधार कार्ड देखकर हत्या की थी, जो उसकी जघन्यता को दर्शाता है.
एसपी वैद ने आगे कहा कि अबू क़ताल जैसे प्रशिक्षित आतंकवादियों का मारा जाना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के आतंकवादी कहीं भी छुप जाएं, उनका पीछा किया जाएगा. यह संदेश हाफिज सैयद और दाऊद इब्राहीम जैसे आतंकवादियों के लिए है, जो सुरक्षा में छुपे हैं. उनकी नींद अब उड़ चुकी है. क़ताल जैसे आतंकवादियों को जल्दी से जल्दी ’72 हूरों’ के पास भेजा जाना जरूरी था.
पूर्व डीजीपी ने कहा कि यह हमला पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों के लिए एक चेतावनी है कि अब कोई भी आतंकवादी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए कहा कि पाकिस्तान को यह समझना होगा कि जब तक वे आतंकवाद को समर्थन देंगे, उनके आतंकी कहीं भी हों, हम उन्हें ढूंढकर उनका काम तमाम करेंगे.
वैद ने अंत में कहा कि इस आतंकवादी के मारे जाने का श्रेय अज्ञात बंदूकधारी को जाता है. हमें इन आतंकवादियों की नींद उड़ा देने के लिए अज्ञात बंदूकधारी को धन्यवाद देना चाहिए. उन्होंने आतंकवादियों को यह दिखा दिया कि दुनिया में कहीं भी छुपने की कोशिश करने के बावजूद, उनकी मौत निश्चित है. थैंक्स टू अज्ञात बंदूकधारी, हम समझते हैं कि हम सभी के मेडल्स इकट्ठे उन्हें दे देने चाहिए.
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