कलेक्ट्रेट परिसर में आगजनी पर सदन में चर्चा नहीं होनेे पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उठाया सवाल

बलौदा (छत्तीसगढ़), 22 जुलाई . छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में कलेक्ट्रेट परिसर में बीते दिनों आगजनी की घटना को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार इस घटना के लिए जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि देश में पहली बार कलेक्टर और एसपी परिसर को क्षतिग्रस्त कर उसे आग में झोंकने का काम किया गया है. इतिहास में इस तरह की यह पहली घटना है. सतनामी समाज के लोगों की बात अगर मान ली जाती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. वे लोग जांच की मांग ही तो कर रहे थे, अगर उनकी मांग पूरी हो जाती तो यह घटना नहीं होती. इस घटना के लिए भाजपा की विष्णु देव साय सरकार जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा कि हमारे साथियों ने इस घटना से जुड़े कई सारे तथ्य रखे हैं. एसपी को निलंबित किये जाने का मतलब है कि सरकार यह स्वीकार कर चुकी है कि गलती हुई है. यह घटना साय सरकार के सुशासन पर काला धब्बा है, इस बात को उन्होंने स्वीकार कर लिया है. इसमें सरकार की नाकामी साफ दिखाई दे रही है.

उन्होंने कहा कि इसी सदन में कई घटनाओं को लेकर चर्चा हुई है. इस घटना पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती? चर्चा करने से और भी तथ्य सामने आते. मैं सिर्फ एक ही सवाल पूछता हूं कि जो दो-ढाई सौ लोग नागपुर से आए थे वे कौन थे? वे कहां रुके थे? उनकी भूमिका क्या थी? इस मामले के मास्टरमाइंड तक सरकार अब तक क्यों नहीं पहुंची. आखिरकार किसकी साजिश से इतनी बड़ी घटना घट गई?

उन्होंने कहा कि सरकार समाज को बांटने का काम सरकार कर रही है. सतनामी समाज सत्य के रास्ते पर चलने वाला समाज है. यह सरकार की हठधर्मिता है कि इतने बड़े मामले में भी चर्चा नहीं करा रही है.

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