छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल मुश्किल में, महादेव एप प्रमोटर से 508 करोड़ लेने की एफआईआर में नाम

रायपुर, 17 मार्च . छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकसभा चुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि ईओडब्ल्यू ने महादेव बेटिंग एप के मालिकों से 508 करोड रुपए की प्रोटेक्शन मनी लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

बघेल सहित 18 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ब्यूरोक्रेट्स व पुलिस अधिकारियों के साथ अज्ञात लोगों का भी जिक्र है. वहीं, भूपेश बघेल ने इस कार्यवाही को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है .

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महादेव बेटिंग एप के मालिक सौरव चंद्राकर, रवि उप्पल शुभम सोनी और अनिल से प्रोटेक्शन मनी लेने का आरोप है. ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट में जिन आरोपियों के नाम दर्ज है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का भी है.

ज्ञात हो कि चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था. उसके पास से पौने तीन करोड रुपये बरामद किए गए थे. असीम ने अपने बयान में कहा था कि यह पैसे भूपेश बघेल को देने आया था. इसी दौरान असीम ने 508 करोड़ रुपये भूपेश बघेल तक पहुंचाने का दावा भी किया था. इसी आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है.

ईओडब्ल्यू की एफआईआर के अनुसार, महादेव बुक एप के प्रमोटर्स रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, अनिल अग्रवाल के द्वारा विभिन्न लाइव गेम के अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑफलाइन सट्टेबाजी के स्थान पर विकल्प के रूप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया, जिसमें व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे माध्यम से विभिन्न वेबसाइटों के जरिए सट्टा खिलाया जाने लगा. इन प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन बेटिंग के लिए विभिन्न प्लेटफार्म तैयार कर पैनल ऑपरेटर और ब्रांच संचालकों के माध्यम से ऑनलाइन बेटिंग संचालन किया गया.

ऑनलाइन बेटिंग एप के संचालन से प्रमोटर्स आदि ने वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन सट्टा खिलाकर लगभग साढे चार सौ करोड़ रुपये मासिक की अवैध राशि अर्जित की. इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों ने फर्जी दस्तावेजों की आधार पर सैकड़ों बैंक अकाउंट खोल रखे थे. इन बैंकों के जरिए राशि को संयुक्त अरब अमीरात तक पहुंचाया गया.

एफआईआर में कहा गया है कि महादेव बुक एप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन सट्टा से प्राप्त अवैध राशि का भारी मात्रा में कई कंपनियां, शेल कंपनियों और शेयर मार्केट में निवेश किया गया. इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी में भी इनके द्वारा निवेश किया गया. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा महादेव ऑनलाइन एप के साथ जुड़े हरिशंकर बिबरेवाल के द्वारा इसी तरह का स्काई एक्सचेंज नामक बेटिंग प्लेटफॉर्म चलाया जा रहा था, जिसके पास से अवैध तरीके से अर्जित की गई 500 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संलग्न की गई है.

जांच में इस बात का भी पता चला है कि महादेव एप के प्रमोटर्स द्वारा अपने विरुद्ध कार्रवाइयों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों सहित प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया. इसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई. आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है. यह प्रकरण चार मई को दर्ज किया गया.

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने दर्ज किए गए प्रकरण को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और कहा है कि यह मामला चार मई को दर्ज हुआ, मगर ईओडब्ल्यू की वेबसाइट पर उसे अपलोड नहीं किया गया, इस मामले को दिल्ली से प्रकाशित कराया गया. इस एप के खिलाफ पहली कार्रवाई कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने ही की थी. इस एप का कोई कार्यालय ही छत्तीसगढ़ में नहीं है. यह बेटिंग एप अब भी चल रहा है. इस एप के अस्तित्व में आने की कहानी है. इसका प्रमुख प्रमोटर सौरभ चंद्राकर जूस बेचने का काम करना था और ऑफलाइन सटटा खेलता था और कोरोना काल मे ऑनलाइन सटटा खेलने लगा और फिर अपना एप बनाया. उसे इसमें रवि उप्पल का साथ मिला. इस समय दोनों दुबई में हैं.

पिछले दिनों विधानसभा में इस एप को लेकर बताया गया था कि जनवरी 2020 से नवंबर 2023 तक महादेव सट्टा एप पर कुल 28 शिकायतें आईं और कुल 90 प्रकरण दर्ज किए गए. रायपुर में 36, दुर्ग में 23, बिलासपुर में दो और जांजगीर में दो मामले दर्ज हैं. सूरजपुर में भी चार मामले दर्ज हैं. महादेव एप में विशेष रूप से 67 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 54 पर चालान पेश किए जा चुके हैं. इससे जुड़े 507 बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया जारी है. अब तक 221 खाते फ्रीज किए जा चुके हैं और इनमें जमा एक करोड़ 16 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं.

एसएनपी/एसजीके