पूर्व केंद्रीय इब्राहिम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा, बोले- ‘पीएम मोदी वक्फ बोर्ड बिल कोई सुधार के लिए नहीं लाए’

बेंगलुरु, 5 नवंबर . पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.एम. इब्राहिम मंगलवार को वक्फ मामले पर केंद्र सरकार का विरोध करते नजर आए. हालांकि, कांग्रेस से अलग होकर भी उन्होंने कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का बचाव किया.

इब्राहिम ने पत्रकारों द्वारा वक्फ मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वक्फ बोर्ड बिला कोई सुधार के लिए नहीं लाए हैं. मुसलमानों के छेड़छाड़ के लिए लाए हैं. उनका नजरिया अगर वक्फ बोर्ड में कुछ भलाई करने का होता तो वह मुसलमानों को बुलाकर उनसे पूछते कि और उन्हें बताते कि वक्फ में ये-ये खामियां हैं, इसको किस तरह से ठीक कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने यह काम नहीं किया.

उन्होंने एक बिल बना दिया. जो संघ परिवार चाहती थी, वही मोदी चाह रहे हैं. उसके अंदर दो हिन्दू मेंबर होंगे उसकी क्या जरूरत है. अब जो एंडॉवमेंट है, हिन्दू द्वितीय उसमें कोई मुसलमान है क्या? तिरुपति मंदिर में कोई मुस्लिम ट्रस्टी है क्या? त्रिवेंद्रम पद्मनाभ देवालय हज़ारों करोड़ का खजाना वहां है, उसके लिए कोई मुस्लिम ट्रस्टी है क्या?

कर्नाटक में वक्फ को लेकर हलचल चल रही है, बीजापुर में भाजपा नेता इसको लेकर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि सरकार यहां पर जमीन हड़पने का काम कर रही है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इब्राहिम ने कहा कि सरकार किसी जमीन हड़प रही है आप बताएं. किसानों की जमीन किसने ली है.

किसानों की जमीन किसानों के पास रहेगी. जहां पर किसानों के लिए, उनका रिकॉर्ड ठीक करने के लिए अगर कुछ रिकॉर्ड मांग रहे हैं तो नोटिस दिए हैं, तो वो किसानों और सरकार के बीच में है. सरकार ने जमीन खाली करने के लिए कोई नोटिस दिया क्या?

उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटिस वापस लिए, इसकी क्या जरूरत थी. उनका रिकॉर्ड देखने के लिए नोटिस दिए गए, उसे वापस लेने की क्या जरूरत है. फिर ये जमीन परमानेंट उसकी, एनओसी तो आप दे सकते हैं ना. अभी एनओसी भी देने की जरूरत नहीं है.

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में लोकायुक्त पुलिस ने सीएम सिद्दारमैया को 6 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. इसके अलावा इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग भी की जा रही है. इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीबीआई पीएम मोदी के हाथ में है. वह फंसाना चाहते हैं. इन्होंने शिव कुमार को पहले से ही फंसाए हुए हैं. इनको लोगों के पास जाकर वोट लेने की हिम्मत नहीं है. मर्द के बच्चे हो मैदान में आओ. सीबीआई, ईडी, ये मर्द के बच्चे के करने का काम नहीं है. हिम्मत है तो मैदान में आओ और लोगों के सामने मुद्दे रखो. चुनाव पर आओ. मशीन निकालो, बैलेट पेपर पर आओ. तुमको देश की जनता दिखाएगी.

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