दाग के साथ काम करना तो दूर, मैं इसके साथ जिंदा भी नहीं रह सकता : केजरीवाल 

नई दिल्ली, 22 सितंबर . दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ”मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मुझे बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है. मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं.”

केजरीवाल ने रविवार को आम आदमी पार्टी द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित ‘जनता की अदालत’ कार्यक्रम में कहा, “मैं आपसे पूछता हूं कि अगर मैं बेईमान होता, क्या मैं दिल्ली में बिजली फ्री कर सकता था. बिजली फ्री करने के 3000 करोड़ रुपए लगते हैं. अगर मैं बेईमान होता तो वह 3000 करोड़ रुपए खा जाता, बिजली फ्री करने की क्या जरूरत थी. अगर मैं बेईमान होता महिलाओं का किराया फ्री करता. अगर मैं बेईमान होता तो आपके बच्चों के लिए स्कूल बनवाता, अगर मैं बेईमान होता तो आपका इलाज मुक्त करवाता. इनकी 22 राज्यों में सरकार है, कहीं बिजली फ्री नहीं है, कहीं महिलाओं का किराया फ्री नहीं है. मैं आपसे पूछने आया हूं कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं.”

केजरीवाल ने कहा, “मैं आपसे एक बात और करना चाहता हूं, आरएसएस वाले कहते हैं हम देशभक्त हैं, हम राष्ट्रवादी हैं, आज मैं पूरे सम्मान के साथ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत जी से पांच प्रश्न पूछना चाहता हूं. मेरा पहला प्रश्न है जिस तरह पीएम मोदी देश भर में लालच देकर या फिर ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़ रहे हैं- क्या यह देश के लिए सही है. दूसरा प्रश्न है कि देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को भाजपा में शामिल करवा लिया. क्या इस प्रकार की राजनीति से आप सहमत हैं. तीसरा प्रश्न है, बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई, क्या आप आज की भाजपा के इन कदमों से सहमत हैं. चौथा प्रश्न है, जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था की भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है, तब आपको कैसा लगा था. भाजपा ने अपने एक नियम के तहत 75 वर्ष की आयु होने पर आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत कई भाजपा नेताओं को रिटायर्ड कर दिया. क्या आप इससे सहमत हो कि जो नियम आडवाणी जी पर लागू हुआ वह पीएम मोदी पर लागू नहीं होना चाहिए.”

केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे देश के अंदर शिक्षा व्यवस्था का बहुत बुरा हाल है. जिनके पास पैसा है वह अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेज देते हैं. जिनके पास पैसा नहीं है वह मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं. 75 साल के अंदर सरकारी स्कूलों का बेड़ागर्क कर दिया गया.

केजरीवाल ने कहा कि ऊपर वाले ने इस देश को एक मनीष सिसोदिया दिया. मनीष सिसोदिया ने गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर गरीबों को एक उम्मीद दी है. ऐसे मनीष सिसोदिया को 2 साल जेल में रखा गया. मनीष सिसोदिया की जिंदगी केवल उसकी अपनी जिंदगी नहीं है, मनीष सिसोदिया की जिंदगी देश की जिंदगी है. कुछ दिन उपरांत नवरात्र प्रारंभ होने पर वह अपना सरकारी आवास खाली कर देंगे. रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी आवास खाली करने के उपरांत वह अपने किसी कार्यकर्ता के साथ रहना शुरू करेंगे.

जीसीबी/एफजेड