विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क‍िया भगवान जगन्नाथ का दर्शन-पूजन

पुरी, 7 जनवरी . ओडिशा में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन से पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को पुरी में जगन्नाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया.

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि मेरी ओडिशा यात्रा की इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी. आज बड़ा सौभाग्य है कि हम जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आए हैं. प्रवासी भारतीय दिवस ओडि‍शा पहली बार होगा. प्रवासी भारतीय दिवस ओडिशा की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक प्रमुख अवसर है. हमारे मुख्यमंत्री और ओडिशा प्रशासन ने प्रवासी भारतीय दिवस के लिए काफी अच्छी व्यवस्था किया हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी आएंगे. यह ओडिशा को वैश्विक मानचित्र पर प्रदर्शित करने का अच्छा अवसर होगा.

एस जयशंकर ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “आज पुरी में भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर धन्य हो गया. सभी के लिए शांति, समृद्धि और सद्भाव की प्रार्थना की. जय जगन्नाथ!”

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पत्नी क्योको जयशंकर के साथ कोणार्क में सूर्य मंदिर का भी दौरा किया.

एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा, “आज कोणार्क के भव्य सूर्य मंदिर के दर्शन करके प्रसन्नता हुई. यह मंदिर हमारी विरासत और रचनात्मकता का प्रमाण है. भुवनेश्वर आने वाले हमारे सभी प्रवासी मित्रों को कोणार्क मंदिर जरूर आना चाहिए.”

उल्लेखनीय है कि ओडिशा पहली बार 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ओडिशा सरकार के सहयोग से 8 से 10 जनवरी तक भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है.

प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में सात हजार से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है.

प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने की याद में मनाया जाता है. 2003 में शुरू किया गया यह दिवस देश के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान का जश्न मनाता है.

2015 से यह कार्यक्रम भारत सरकार के साथ प्रवासी भारतीयों के जुड़ाव को मजबूत करने और उन्हें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से फिर से जोड़ने के लिए हर दो साल में आयोजित किया जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को सुबह 10 बजे ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे.

एकेएस/