नई दिल्ली, 10 मार्च . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को भारत और चार यूरोपीय देशों के मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के साथ व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर को एक ‘बड़ी उपलब्धि’ बताया. विदेश मंत्री ने कहा कि यह कदम अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के एक नए तरीके को दर्शाता है.
भारत ने देश में व्यापार और निवेश प्रवाह, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में वृद्धि के लिए नई दिल्ली में ईएफटीए के साथ ऐतिहासिक समझौता किया.
विदेश मंत्री ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के साथ भारत की साझेदारी के लिए एक महान दिन.” उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को उस समझौते के लिए बधाई दी, जिस पर पिछले 16 सालों से चर्चा चल रही थी.
विदेश मंत्री ने आगे कहा, “रविवार को हस्ताक्षरित भारत-ईएफटीए टीईपीए एक बड़ी उपलब्धि है. यह अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के एक नए तरीके को दर्शाता है.”
भारत-ईएफटीए बैठक से इतर एस. जयशंकर ने आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन से भी मुलाकात की.
उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “भारत-ईएफटीए बैठक के मौके पर आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन के साथ अच्छी बैठक हुई. सहयोग, निवेश और व्यापार के नए क्षेत्रों पर चर्चा हुई.”
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते की सराहना की. इसे 7 मार्च को कैबिनेट से मंजूरी दिए जाने के तीन दिन बाद औपचारिक रूप दिया गया है.
ईएफटीए-इंडिया टीईपीए पर पीयूष गोयल; स्विस फेडरल काउंसलर और आर्थिक मामलों, शिक्षा व अनुसंधान के संघीय विभाग के प्रमुख गाइ पार्मेलिन; आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन; लिकटेंस्टीन की विदेश मंत्री डोमिनिक हस्लर; नॉर्वे के व्यापार और उद्योग मंत्री जे. क्रिश्चियन वेस्ट्रे ने हस्ताक्षर किए.
पीयूष गोयल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टीईपीए को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत में 15 साल में 100 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए ईएफटीए देशों के लिए एक बाध्यकारी समझौता बताया.
बता दें कि 2014 के बाद से, भारत ने मॉरीशस, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ तीन ऐसे समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. वहीं यूके, ओमान, पेरू और इजरायल जैसे देशों के साथ व्यापार समझौते पर भी बातचीत चल रही है.
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एफजेड/एकेजे