नई दिल्ली, 3 अगस्त . विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जुलाई में भारतीय बाजार के इक्विटी और डेट कैटेगरी में संयुक्त रूप से 54,727 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) की ओर से जारी किए गए डेटा के हवाले से एक्सपर्ट्स ने कहा कि एफपीआई ने जुलाई में इक्विटी में 32,364 करोड़ रुपये और डेट में 22,363 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
इस साल की शुरुआत से अब तक एफपीआई की ओर से 35,565 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी में किया जा चुका है.
एक्सपर्ट्स की ओर से बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों निवेश के तीन प्रमुख कारण बताए गए हैं, जिसमें मजबूत अर्थव्यवस्था, ब्याज दरों में कटौती और सरकार का राजकोषीय अनुशासन शामिल है.
एक्सपर्ट ने कहा कि भारत में एफपीआई फ्लो बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. पहला, भारतीय अर्थव्यवस्था का विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करना. दूसरा, अमेरिका सहित दुनिया के बड़े देशों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना. तीसरा, भारत सरकार द्वारा राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना, जिससे भारत की रेटिंग अपग्रेड हो सकती है.
बता दें, एफपीआई की गतिविधियां डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव, वैश्विक परिस्थितियों और भारतीय बाजारों के वैल्यूएशन जैसे कारणों पर निर्भर करती हैं. इसके अलावा अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि एफपीआई के निवेश में बढ़त स्थिर राजनीतिक माहौल, सरकार द्वारा किए जा रहे सुधार और भारतीय बाजारों की मजबूती को दर्शाता है.
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एबीएस/