मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते तेजी से बढ़ रहा विदेशी मुद्रा भंडार : एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 19 मई . मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने सोमवार को कहा कि तेजी से बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार की वजह देश की अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत होना है.

समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए सुनील शाह ने कहा, “देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का पूंजीगत बाजारों पर कोई खास प्रभाव नहीं होता है, लेकिन यह दिखाता है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है.”

उन्होंने आगे बताया कि विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को रुपए में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है.

शाह ने कहा, “हमारा विदेशी मुद्रा भंडार सात महीने के उच्चतम स्तर पर है. बीते सात महीने काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. ऐसे में देश के फॉरेक्स रिजर्व का इस स्तर पर पहुंचना बड़ी उपलब्धि है.”

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9 मई को समाप्त हुए हफ्ते में 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 690.62 अरब डॉलर हो गया है.

मार्केट एक्सपर्ट ने आगे कहा, “विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से हमारे रुपए को मजबूती मिली है. आने वाले समय में अगर राजकोषीय घाटे में और कमी आती है तो रुपए को और सहारा मिल सकता है.”

समीक्षा अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा आस्तियों की वैल्यू 19.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 581.37 अरब डॉलर हो गई है.

विदेशी मुद्रा आस्तियों में अमेरिकी डॉलर के अलावा अन्य मुख्य विदेशी मुद्राएं जैसे यूरो, पाउंड और येन शामिल होती हैं. वहीं, गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 45 लाख डॉलर बढ़कर 86.33 अरब डॉलर हो गई है.

इसके अतिरिक्त, विदेशी मुद्रा भंडार के अहम घटक विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 2.6 करोड़ डॉलर घटकर 18.53 अरब डॉलर रह गई. समीक्षाधीन हफ्ते में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति भी 13.4 करोड़ डॉलर घटकर 4.37 अरब डॉलर रह गई.

एबीएस/