भावनगर, 20 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने एक बार फिर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को दोहराया है. उन्होंने कहा कि विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा. India में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है.
Prime Minister मोदी Saturday को Gujarat के भावनगर में आयोजित ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम तो भावनगर में हो रहा है, लेकिन ये कार्यक्रम पूरे हिंदुस्तान का है. पूरे India में समुद्र से समृद्धि की ओर जाने की हमारी दिशा क्या है, उसके लिए इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का केंद्र भावनगर को चुना गया है. इस दौरान, पीएम मोदी ने Gujarat और भावनगर के लोगों को बधाई दी.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का India समुद्र को बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहा है. यहां पोर्ट लेड डेवलपमेंट को गति देने के लिए हजारों करोड़ रुपए का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है.
‘आत्मनिर्भर भारत’ का संदेश देते हुए Prime Minister मोदी ने कहा कि India आज विश्वबंधु की भावना से आगे बढ़ रहा है. दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है. उन्होंने कहा, “सच्चे अर्थ में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता. यही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है और हमें मिलकर India के इस दुश्मन को हराना ही होगा.”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी बोले, “जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता होगी, उतनी ज्यादा देश की विफलता होगी. विश्व में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश को आत्मनिर्भर बनना ही होगा.”
इस दौरान, पीएम Narendra Modi ने कांग्रेस को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, “India में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है, लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस ने India के हर सामर्थ्य को नजरअंदाज किया, इसलिए आजादी के 6-7 दशकों बाद भी India वो सफलता हासिल नहीं कर पाया, जिसके हम हकदार थे. लंबे समय तक कांग्रेस Government ने देश को लाइसेंस कोटा राज में उलझाए रखा. दुनिया के बाजार से अलग-थलग रखा. कांग्रेस Government की नीतियों ने देश के नौजवानों का बहुत नुकसान किया.”
17 सितंबर को जन्मदिन के बाद पहली बार पीएम मोदी अपने गृह राज्य Gujarat पहुंचे. उन्होंने कार्यक्रम में कहा, “आप सबने अपने नरेंद्र भाई को जो शुभकामनाएं भेजी हैं, देश और दुनिया से जो मुझे शुभकामनाएं मिली हैं, व्यक्तिगत तौर पर सबका धन्यवाद करना संभव नहीं है, लेकिन India के कोने-कोने से विश्वभर से ये जो प्यार मिला है, आशीर्वाद मिला है, ये मेरी बहुत बड़ी संपत्ति और बहुत बड़ी ताकत है. इसलिए मैं सार्वजनिक रूप से देश और दुनिया के सभी महानुभावों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.”
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डीसीएच/