नई दिल्ली, 17 सितंबर . दिल्ली सीएम आवास पर मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अब आतिशी को विधिवत रूप से मुख्यमंत्री की कमान सौंपी जाएगी. आतिशी केजरीवाल के भरोसेमंद साथियों की सूची में सबसे शीर्ष पर हैं. इसी को देखते हुए उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपे जाने का फैसला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लिया है.
इससे पहले, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित भी दिल्ली की मुख्यमंत्री पद पर रह चुकी हैं. सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं, लेकिन उनका कार्यकाल सबसे छोटा महज 52 दिनों का ही रहा. इसके बाद, शीला दीक्षित दूसरी महिला मुख्यमंत्री रहीं. वो 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहीं और अब आतिशी मुख्यमंत्री का पद संभालने वाली हैं.
आतिशी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में कालकाजी सीट से भाजपा के धर्मवीर सिंह को हराकर विधायक बनी. आतिशी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. 1981 में आतिशी का जन्म एक पंजाबी राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रह चुके हैं. आतिशी 2015 से लेकर 2017 तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सलाहकार भी रह चुकी हैं. आतिशी अन्ना आंदोलन का भी हिस्सा रह चुकी हैं. अन्ना आंदोलन के जरिए ही उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया था.
यही नहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में वो घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति की प्रमुख भी रह चुकी हैं. आतिशी के प्रभावशाली बोलने की शैली को ध्यान में रखते हुए उन्हें पार्टी ने प्रवक्ता तक बनाया था.
सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं. लेकिन, वो महज 52 दिनों तक ही इस पद पर रहीं थीं, जिसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी महज 15 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. कांग्रेस ने इस चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल कर सत्ता में कदम रखा था.
शीला दीक्षित दिल्ली की दूसरी महिला सीएम रहीं. 2003 और 2008 के चुनाव में भी कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था. पार्टी ने उन्हें तीसरी बार सीएम पद की कमान सौंपी, लेकिन 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. इसके बाद, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई थी.
नई आबकारी नीति मामले को लेकर दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से राजनीतिक उथल-पुथल का दौर शुरू हो चुका है. केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं.
–
एसएचके/जीकेटी