New Delhi, 4 सितंबर . कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने Thursday को जीएसटी सुधार को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर टैक्स लगा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर जीएसटी लगाया था. इसीलिए हमने भाजपा के इस जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ का नाम दिया.
खड़गे ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, ”कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 और 2024 के घोषणा पत्रों में सरल और तर्कसंगत कर व्यवस्था के साथ जीएसटी 2.0 की मांग की थी. हमने जीएसटी के जटिल कंप्लायंस को भी सरल बनाने की मांग की थी, जिससे एमएसएमई और छोटे व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए थे. 28 फरवरी 2005 को कांग्रेस-यूपीए सरकार ने Lok Sabha में जीएसटी की औपचारिक घोषणा की थी. 2011 में ही जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी जीएसटी बिल लेकर आए थे तब भाजपा ने इसका विरोध किया था. उस समय Narendra Modi गुजरात के Chief Minister थे, उन्होंने भी जीएसटी का विरोध किया था. आज यही भाजपा सरकार रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन का जश्न मनाती है, जैसे कि आम जनता से टैक्स वसूलकर उसने कोई बहुत बड़ा काम किया हो.”
उन्होंने आगे लिखा, ”देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर टैक्स लगाया गया है. इस मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर जीएसटी लगाया था. दूध-दही, आटा-अनाज, यहां तक कि बच्चों की पेंसिल-किताबें, ऑक्सीजन, इंशोरेशन और अस्पताल के खर्च जैसी रोज इस्तेमाल करने वाले वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाया गया. इसीलिए हमने भाजपा के इस जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ का नाम दिया. कुल जीएसटी का दो-तिहाई यानी 64 प्रतिशत हिस्सा गरीबों और मध्यम वर्ग की जेब से आता है, लेकिन अरबपतियों से केवल 3 प्रतिशत जीएसटी लिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी गई है. वहीं, पिछले 5 वर्षों में इनकम टैक्स वसूली में 240 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और जीएसटी वसूली में 177 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.”
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आखिर में लिखा, ”ये अच्छा है कि सरकार की 8 वर्ष देर से ही सही जीएसटी पर कुंभकर्णी नींद खुली और उन्होंने जागकर रेट रेशनलाइजेशन की बात की है. सभी राज्यों को 2024-25 को आधार वर्ष मानकर 5 वर्षों की अवधि के लिए कंपनसेशन दिया जाए, क्योंकि दरों में कटौती से उनके राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है.”
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एसके/एबीएम